POST 13

*_﷽-الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ_*
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 《[इस्लामी हैरत अंगेज़ मालूमात पोस्ट(66)]》
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    *《हुज़ूर नबी-ए-करीमﷺका बयान》*
             *《पोस्ट (13)》*
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सवाल- ग़ज़वाए खैबर के मौके पर हुज़ूर नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु त‌आला अलैहि वसल्लम को ज़हर मिला हुआ गोश्त किस औरत ने दिया था?
*जवाब- ज़ैनब बिन्ते हारिस यहुदिया ने जो मरहब कि भतीजी और सलमान बिन शिकम की बीबी थी।*
(मदारिज़ नबुव्वत 2/420)

सवाल- उस यहुदिया का नाम क्या है जिसने हुज़ूर नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु त‌आला अलैहि वसल्लम पर जादू किया था और यह वाकिआ किस सन् में पेश आया और जादू का असर कितने दिनों तक रहा?
*जवाब- लबीद बिन आसिम यहुदी और उसकी बेटियों ने हुज़ूर नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु त‌आला अलैहि वसल्लम पर जादू किया हुज़ूर नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु त‌आला अलैहि वसल्लम के जिस्म मुबारक और आज़ा ज़ाहिरा पर उसका असर हुआ क़ल्व व अक़्ल और ऐतिक़ाद पर कुछ असर नही हुआ कुछ रोज़ बाद हज़रत जिब्राईल अलैहिस्सलाम आए और उन्होंने अर्ज किया कि एक यहुदी ने आप पर जादू किया है और जादू का जो कुछ सामान है वह अज़दान नामी कुएं में एक पत्थर के नीचे दबा दिया है हुज़ूर नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु त‌आला अलैहि वसल्लम ने हज़रत अली मुर्तजा रज़ियल्लाहु त‌आला अन्हु को भेजा हज़रत अली मुर्तजा रज़ियल्लाहु त‌आला अन्हु ने कुएं का पानी निकाल ने के बाद पत्थर उठाया उसके नीचे से खजूर के गाभे की वैली बरामद हुई इसमें हुज़ूर नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु त‌आला अलैहि वसल्लम के मुएं मुबारक या कमान का चिल्ला जिसमें ग्यारह गिरहें लगी थीं और एक मोम का पुतला जिसमें सूंईया चुभी थीं यह सब समान पत्थर के निचे से निकला और हुज़ूर नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु त‌आला अलैहि वसल्लम की खिदमत में हाज़िर किया गया अल्लाह त‌आला ने सूर‌ए फ़लक़ और सूर‌ए नास नाज़िल फरमाई इन दोनों सुरतों में ग्यारह आयतें हैं हर एक आयत को पड़ने से एक गिरहे खुलती जाती थी यहां तक कि सब गिरहें खुल गई और हुज़ूर नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु त‌आला अलैहि वसल्लम बिल्कुल तंदरुस्त हो ग‌ए यह हादसा हुदैबिया से वापसी के बाद सन्6हिजरी के माह ज़िलहिज़्ज़ा में हुआ और इस जादू के असर रहने की मुद्दत के बारे में एक कौल चालीस दिन का है और एक कौल छह महीने का है और एक रिवायत एक साल कि भी है।*
(ख़ज़ाइनुल इरफ़ान 30/सूर‌ए फ़लक़/मदारिज़ नबुव्वत 1/415)
*नोट:- सूर‌ए फ़लक़ और सूर‌ए नास जादू का काट है लिहाज़ा ज्यादा से ज्यादा पड़कर दम किया करो इन्शा अल्लाह त‌आला शिफ़ा मिलेगी।*
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*हदीसे पाक में है कि इल्म फैलाने वाले के बराबर कोई आदमी सदक़ा नहीं कर सकता।*
(क़ुर्बे मुस्तफा,सफ़्हा100)
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