👉 मज़ारों का तवाफ़ करना 👈

🚦 मज़ारों का तवाफ़ (चक्कर) अगर ताज़ीम (बड़ाई ज़ाहिर करने) की नियत से किया जाये तो ना जाईज़ है, क्यूंकि तवाफ़ के साथ ताज़ीम सिर्फ़ काबा शरीफ़ के साथ ख़ास है, और मज़ार को चूमना भी अदब के ख़िलाफ़ है, आस पास की ऊंची लकड़ी या दोनों तरफ़ और ऊपर की चोखट को चूम सकते हैं ।

📖 *फ़तावा रज़विया: जिल्द 9, पेज 528*


No comments:

Post a Comment

Our Social Sites