🖋 *"आइब्रो"*
*मुसलमान औरतों का या लड़कियों का आइब्रो बनवाना यानी अपनी भँवो के बाल नुचवाना शरीअत के नज़दीक क्या है.. ?**नाजाइज़ और हराम है.*
🖊 हुज़ूर रहमतें आलम मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने भवें बनवाने वाली औरतों पर लअनत फ़रमाई है और इसे क़यामत की निशानियों में शुमार फ़रमाया है कि आख़री ज़माने में औरतें अपने भँवो के बाल नुचवायेगी और ये आज हो रहा है...
*ये वबाल तेज़ी से मुसलमानों में बढ़ रहा है औरत तो औरत नाबालिग़ बच्चियां इस हराम फ़ेल में मुब्तिला है और उनके बाप-भाई दययुस बन कर ख़ामोशी अख्तियार किये हुवे हैं उसका वबाल इनके सर भी पड़ेगा....बढ़ी माज़रत के साथ कहना पड़ रहा है कि बहुत सारी बहने ऐसे जुमले सुनकर नाराज़ हो जाती है...उन्हें सोचना चाहिए कि किस पर ग़ुस्सा कर रही है अगर हम पर तो हमारा फ़रीज़ा है अल्लाह और उसके रसूल का फरमान आप तक पहुंचाने का.... यहां ये याद रखे कि कोई बहन की भवें ऐसी हो कि अगर न बनवाई जाए तो चहरा बदनुमा महसूस हो और उसकी बिना पर रिश्तों पर फ़र्क़ पढ़े की रिश्ते नही हो पा रहे है या शोहर की बेरहमती का सबब बन जाये तो ऐसी सूरत में बक़दरे ज़ुरूरत वो भवे की तराश कर सकती है ताकि चहरा कुछ बहतर हो सके...जैसा कि कुछ बहनों के होंट के ऊपर या दाढ़ी में बाल निकल आते है तो सिर्फ़ उन्हें इजाज़त है वो भी कुछ -कुछ...*
📝 कुछ बहने कहती है कि जी हमारे शौहर ने इजाज़त दे रखी है तो हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का फ़रमान याद रखे कि :- अल्लाह तआला के अहकाम के मुआमले में मख़लूक़ की इताअत नही की जाएगी यानी उनका कहा नही माना जायेगा...बात वाज़ेह है लिहाज़ा शौहर का इस मुआमले में कहना नही माना जायेगा...और न शौहर हज़रात अपनी जौज़ा को ऐसी आज़माइश में डालें की सिर्फ़ चहरा खूबसूरत देखने के लिए एक गुनाह करवाले तो मैदाने महशर में अल्लाह की बरगाह में जवाब देना बढ़ा मुश्किल हो जाएगा...
📖 *ये हदीस बुख़ारी शरीफ़ की है और इसकी शरह अल्लामा बदरुद्दीन अयनी रहमतुल्लाहि अलैह ने अपनी किताब उम्मदतुल क़ारी में बयान फ़रमाई है...*
📚:- *(किताब बुख़ारी शरीफ़/अहकामे शरीअत,मुफ़्ती मुहम्मद अकमल साहब)*
*Note- हमारी मा बहने इसको ज़रूर पढ़े कही ऐसा तो नही वह खसारे मे हो*
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