*बदअक़ीदा वहाबी देवबंदी वग़ैह की नमाज़ हो रही हो तो सुन्नी तनहा पढ़े*

📓 *(फ़तावा-ए-रज़विया) जिल्द: 7, सफ़ा: 53.*

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