_कुछ जगहों पर बाज़ हमारे अनपढ़ मुसलमान भाई छींक आने को बुरा जानते हैं और उससे बदशगुनी लेते हैं हालांकि छींक आना इस्लाम में अच्छी बात है और छींक अल्लाह तअाला को पसन्द है। लिहाज़ा जिसको छींक आये, वह अल्लाह तआला का शुक्र करे। हदीस शरीफ में है, *हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं :-*_
*_बेशक अल्लाह तआला छींक को पसन्द और जमाही का नापसन्द फ़रमाता है तो जिसको छींक आये वह "अल्हम्दु लिल्लाह" कहे और जो दूसरा शख्स उसको सुने वह जवाब दे (यानी ‘यरहमुकल्लाह' कहे) और जमाही शैतान की तरफ से है इसका जहाँ तक बस चले न आने दे और जमाही में जो मुंह से आवाज़ निकलती है, उसको सुन कर शैतान हँसता है।_*
📚 *(बुखारी जिल्द 1, सफा 919)*
📚 *गलत फ़हमियाँ और उनकी इस्लाह सफहा,175*
*_बेशक अल्लाह तआला छींक को पसन्द और जमाही का नापसन्द फ़रमाता है तो जिसको छींक आये वह "अल्हम्दु लिल्लाह" कहे और जो दूसरा शख्स उसको सुने वह जवाब दे (यानी ‘यरहमुकल्लाह' कहे) और जमाही शैतान की तरफ से है इसका जहाँ तक बस चले न आने दे और जमाही में जो मुंह से आवाज़ निकलती है, उसको सुन कर शैतान हँसता है।_*
📚 *(बुखारी जिल्द 1, सफा 919)*
📚 *गलत फ़हमियाँ और उनकी इस्लाह सफहा,175*
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