*_आजकल कुछ लोग तो वह हैं कि दुनिया के काम धंधों में लग कर दीन को बिलकुल भुला बैठे हैं। जैसे कि उन्हें सब दिन दुनिया में रहना है। और कुछ वह हैं कि दीनदार बने तो काम धंदा छोड़ बैठे काहिल,सुस्त और आराम तल्ब हो गये या इस चक्कर में हैं कि इसी दीनदारी की नाम पर लोग हमें कुछ दे जायें। इन दोनों किस्म के लोग से इस्लाम की सही तरजुमानी नहीं होती। सब से बेहतर मुसलमान वह है जो अपना कुछ काम धंधा करता हो । साथ ही साथ नमाज़ रोज़े का पाबन्द, दीनदार मुसलमान हो,हलाल व हराम में फ़र्क रखता हो।_*
📚 *गलत फ़हमियाँ और उनकी इस्लाह सफहा,180*
📚 *गलत फ़हमियाँ और उनकी इस्लाह सफहा,180*
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