بسم الله الرحمن الرحيم
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
सवाल- जिन्नात की हक़ीकत क्या हैं?
जवाब- बह आग से पैदा किये गऐ हैं उनमें से कुछ को यह त़ाकत दि गई हैं किजो शक्ल चाहें इख्तियार करले इन्सान की तरह अक्ल बाले होते रूह वाले और जिस्म वाले हैं उनमें पेदाइशा सिलसिला और नस्ल की बढ़ोतरी भी होती हैं खाते पीते मरते जीते भी हैं।
(फ़तावा हदीसीया सफ़्हा 46/बहारे शरीअत जिल्द 1 सफ़्हा 24)
सवाल- क्या उनमें मोमिन व काफिर दोनों होते हैं?
जवाब- हाँ दोनों होते हैं लेकिन काफिर की तादाद ज्यादा हैं?
(ख़ाज़िन जिल्द 6 सफ़्हा 140)
सवाल- क्या उनमें भी बहुत से मजहब के मानने वाले होते हैं?
जवाब- हाँ इन्सान की तरह इनमे भी होते हैं अलग अलग मजहब के और अलग अलग फिरके के मान ने वाले होते है।
(ख़ाज़िन जिल्द 6 सफ़्हा 140)
सवाल- क्या जिन्नात मैं भी कोई नबी हुआ?
जवाब- नहीं , नुबुव्वत सिर्फ इन्सान के लिये हैं।
(उम्दतुल क़ारी जिल्द 7 सफ़्हा 287)
सवाल- क्या इन्सान की तरह जिन्नो को भी सहाबी होने का शर्फ हासिल हैं?
जवाब- हाँ इन्सान की तरह जिन्नो को भी सहाबी होने का शर्फ हासिल हैं।
(तकमीलुल ईमान सफ़्हा 7)
सवाल- क्या जिन्नात को भी जन्नत नसीब होगी?
जवाब- इस सिलसिले मैं चन्द कौल हैं
(1)इमामे आजम फरमाते हैं कि नहीं, जन्नत सिर्फ इन्सानो के लिए है।
(शरह फिक़हे अकबर बहरूल उलूम सफ़्हा 67)
(2)सहिबैन फरमाते हैं की नसिब होगी।
(उम्दतुल क़ारी जिल्द 7 सफ़्हा 287)
(3)एक कोल यह हैं कि जिन्नात मैं से जो मोमिन हैं वह जन्नत के आस पास मकानों मैं रहेंगे जन्नत मैं सिर्फ सैर करने आया करेगें।
(उम्दतुल क़ारी जिल्द 7 सफ़्हा 287/अलमलफूज जिल्द 4 सफ़्हा 80)
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
सवाल- जिन्नात की हक़ीकत क्या हैं?
जवाब- बह आग से पैदा किये गऐ हैं उनमें से कुछ को यह त़ाकत दि गई हैं किजो शक्ल चाहें इख्तियार करले इन्सान की तरह अक्ल बाले होते रूह वाले और जिस्म वाले हैं उनमें पेदाइशा सिलसिला और नस्ल की बढ़ोतरी भी होती हैं खाते पीते मरते जीते भी हैं।
(फ़तावा हदीसीया सफ़्हा 46/बहारे शरीअत जिल्द 1 सफ़्हा 24)
सवाल- क्या उनमें मोमिन व काफिर दोनों होते हैं?
जवाब- हाँ दोनों होते हैं लेकिन काफिर की तादाद ज्यादा हैं?
(ख़ाज़िन जिल्द 6 सफ़्हा 140)
सवाल- क्या उनमें भी बहुत से मजहब के मानने वाले होते हैं?
जवाब- हाँ इन्सान की तरह इनमे भी होते हैं अलग अलग मजहब के और अलग अलग फिरके के मान ने वाले होते है।
(ख़ाज़िन जिल्द 6 सफ़्हा 140)
सवाल- क्या जिन्नात मैं भी कोई नबी हुआ?
जवाब- नहीं , नुबुव्वत सिर्फ इन्सान के लिये हैं।
(उम्दतुल क़ारी जिल्द 7 सफ़्हा 287)
सवाल- क्या इन्सान की तरह जिन्नो को भी सहाबी होने का शर्फ हासिल हैं?
जवाब- हाँ इन्सान की तरह जिन्नो को भी सहाबी होने का शर्फ हासिल हैं।
(तकमीलुल ईमान सफ़्हा 7)
सवाल- क्या जिन्नात को भी जन्नत नसीब होगी?
जवाब- इस सिलसिले मैं चन्द कौल हैं
(1)इमामे आजम फरमाते हैं कि नहीं, जन्नत सिर्फ इन्सानो के लिए है।
(शरह फिक़हे अकबर बहरूल उलूम सफ़्हा 67)
(2)सहिबैन फरमाते हैं की नसिब होगी।
(उम्दतुल क़ारी जिल्द 7 सफ़्हा 287)
(3)एक कोल यह हैं कि जिन्नात मैं से जो मोमिन हैं वह जन्नत के आस पास मकानों मैं रहेंगे जन्नत मैं सिर्फ सैर करने आया करेगें।
(उम्दतुल क़ारी जिल्द 7 सफ़्हा 287/अलमलफूज जिल्द 4 सफ़्हा 80)
No comments:
Post a Comment