بسم الله الرحمن الرحيم
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
*सहाबा किराम का बयान पोस्ट(1)*
सवाल- सहाबी किसे कहते हैं?
*जवाब- उन हज़रात को कहते हैं जिन्हें इस्लाम की हालत में हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहे वसल्लम से मुलाकात का सरफ़ हासिल हुआ और यह इस्लाम ही पर इन्तेक़ाल कर गऐ जैसे वरक़ह बिन नौफ़ल मुलाकात का शर्फ़ नुबूव्वत के ज़माने से पहले हासिल हुआ हो और ज़मानऐ नुबुव्वत से पहले ही हज़रत इब्राहिम की मिल्लत पर इन्तेक़ाल फरमा गऐ हों जैसे ज़ैद बिन उमर बिन नुफ़ैल इस्लाम की हालत में मुलाकात का शर्फ़ हासिल होने के बाद इस्लाम से फिर गऐ और फिर गऐ और फिर आपकी मुबारक ज़िन्दगी में ही इस्लाम कुबूल कर लिया जैसे अब्दुल्लाह बिन सअद रदियल्लाहु अन्हु।*
(रददुल मुहतार जिल्द 1 सफ़्हा 10/बशीरूल क़ारी सफ़्हा 127से132)
सवाल- कुल सहाबा कितने हैं?
*जवाब- एक लाख चौबीस हज़ार।*
(ज़रक़ानी जिल्द 8 सफ़्हा 288/अलमलफूज जिल्द 3 सफ़्हा 59)
सवाल- अब तक कितने सहाबा के नाम मालूम हो सके हैं?
*जवाब- जिनके नाम मालूम हो सके हैं सात हज़ार हैं।*
(अलमलफूज जिल्द 3 सफ़्हा 59)
सवाल- क्या सहाबी होने के लिऐ वालिग़ होना शर्त है?
*जवाब- नहीं, बल्कि ग़ैर अक़लमन्द बच्चा भी सहाबी हो सकता है अगर उसे नबी-ए-करीम सल्ललाहो तआला अलैहे वसल्लम से मुलाकात का शर्फ हासिल हो जैसे इमामे हसन इमामे हुसैन और अब्दुल्लाह बिन जुबैर और मोहम्मद बिन अबु बक्र रदियल्लाहु अनहुम सहाबी हैं।*
(बशीरूल क़ारी सफ़्हा 127)
सवाल- क्या इन्सान की तरह जिन्नात और फ़रिश्तों को भी सहाबी होने का शर्फ हासिल है?
*जवाब- हाँ यह हज़रात भी सहाबी की तारीफ़ में दाख़िल हैं और उन्हें भी सहाबी होने का शर्फ हासिल है।*
(ज़रक़ानी जिल्द 1 सफ़्हा 302व जिल्द 7 सफ़्हा 28/तक़मीलूल ईमान सफ़्हा 9/बशीरूल क़ारी सफ़्हा 125)
सवाल- क्या कुछ पैग़म्बर भी सहाबी हैं जिनको देखने वाले ताबेई होंगे?
*जवाब- हाँ वह नबी जिन्होंने अपनी दुनियावी जिन्दगी में हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहे वसल्लम को ज़मीन पर देखा जैसे हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम और हज़रत इलयास अलैहिस्सलाम की उन्होंने बैतुल मुकद्दर में हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहे वसल्लम को देखा था वह सहाबी हैं इसी तरह हज़रत खिज्र अलैहिस्सलाम सहाबी है उनको देखने वाले ताबेई होंगे।*
(सावी जिल्द 3 सफ़्हा 287/अलमलफूज जिल्द 4 सफ़्हा 47)
सवाल- तमाम सहाबा में अफ़ज़ल कौन हैं?
*जवाब- हज़रत अबु बक़र सिद्दीक रदियल्लाहु तआला अन हज़रत उमर फारुके आज़म रदियल्लाहु तआला अन हज़रत उस्माने ग़नी रदियल्लाहु तआला अन हज़रत अली मुश्किल कुशा रदियल्लाहु तआला अन।*
(मवाहिब लदुन्निया जिल्द 1 सफ़्हा 414)
सवाल- ख़िलाफ़ते राशिदह किसे कहते है और उनके मिसदाक़(मुसातहिक़) कौन-कौन हुऐ?
*जवाब- ख़िलाफ़ते राशिदह उस ख़िलाफ़त को कहते है जो नुबुव्वत के तरीके पर हो जैसे चारों ख़लीफा ए इस्लाम और हज़रत इमामे हसन मुजतबा रदियल्लाहु तआला अन और अमर बिन अब्दुल अज़ीज़ की ख़िलाफ़त और आख़िर ज़माने में हज़रत इमाम महदी रदियल्लाहु तआला अन ऐसी ख़िलाफ़त कातम फ़रमाऐंगे।*
(अलमलफूज जिल्द 3 सफ़्हा 59)
सवाल- ख़िलाफ़ते रशिदा कितने सालों तक रही?
*जवाब- पहले तीस साल फिर बाद में हज़रत अमर इब्ने अब्दुल अज़ीज़ की ख़िलाफ़ते राशिदह ढाई साल तक रही।*
(शरह फ़िक़हे अकबर लिअली क़ारी सफ़्हा 68/निबरास सफ़्हा 504)
सवाल- खुलफ़ाऐ राशिदीन में किन की ख़िलाफ़त कितने साल रही?
*जवाब- हज़रत अबु बक़र सिद्दीक रदियल्लाहु तआला अन की ख़िलाफ़त ढाई साल रही, हज़रत उमर फारुके आज़म रदियल्लाहु तआला अन की साढ़े दस साल हज़रत उस्माने ग़नी रदियल्लाहु तआला अन की बारह साल हज़रत अली मुश्किल रदियल्लाहु तआला अन की चार साल नौ महीने रही फिर इमामे हसन रदियल्लाहु तआला अन की छः महीने ख़लीफा रही।*
(शरह फ़िक़हे अकबर लिअली क़ारी सफ़्हा 68/निबरास सफ़्हा 504)
सवाल- खुलफ़ाऐ राशिदीन में किन-किन की उम्र हुजूरे अनवर सल्ललाहो तआला अलैह वसल्लम की उम्र शरीफ़ के बराबर हुई?
*जवाब- हज़रत अबु बक़र सिद्दीक रदियल्लाहु तआला अन हज़रत उमर फारुके आज़म रदियल्लाहु तआला अन हज़रत अली मुश्किल कुशा रदियल्लाहु तआला अन की हुई।*
(मसनद इमाम आज़म सफ़्हा 113/अलमलफूज जिल्द 1 सफ़्हा 9)
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
*सहाबा किराम का बयान पोस्ट(1)*
सवाल- सहाबी किसे कहते हैं?
*जवाब- उन हज़रात को कहते हैं जिन्हें इस्लाम की हालत में हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहे वसल्लम से मुलाकात का सरफ़ हासिल हुआ और यह इस्लाम ही पर इन्तेक़ाल कर गऐ जैसे वरक़ह बिन नौफ़ल मुलाकात का शर्फ़ नुबूव्वत के ज़माने से पहले हासिल हुआ हो और ज़मानऐ नुबुव्वत से पहले ही हज़रत इब्राहिम की मिल्लत पर इन्तेक़ाल फरमा गऐ हों जैसे ज़ैद बिन उमर बिन नुफ़ैल इस्लाम की हालत में मुलाकात का शर्फ़ हासिल होने के बाद इस्लाम से फिर गऐ और फिर गऐ और फिर आपकी मुबारक ज़िन्दगी में ही इस्लाम कुबूल कर लिया जैसे अब्दुल्लाह बिन सअद रदियल्लाहु अन्हु।*
(रददुल मुहतार जिल्द 1 सफ़्हा 10/बशीरूल क़ारी सफ़्हा 127से132)
सवाल- कुल सहाबा कितने हैं?
*जवाब- एक लाख चौबीस हज़ार।*
(ज़रक़ानी जिल्द 8 सफ़्हा 288/अलमलफूज जिल्द 3 सफ़्हा 59)
सवाल- अब तक कितने सहाबा के नाम मालूम हो सके हैं?
*जवाब- जिनके नाम मालूम हो सके हैं सात हज़ार हैं।*
(अलमलफूज जिल्द 3 सफ़्हा 59)
सवाल- क्या सहाबी होने के लिऐ वालिग़ होना शर्त है?
*जवाब- नहीं, बल्कि ग़ैर अक़लमन्द बच्चा भी सहाबी हो सकता है अगर उसे नबी-ए-करीम सल्ललाहो तआला अलैहे वसल्लम से मुलाकात का शर्फ हासिल हो जैसे इमामे हसन इमामे हुसैन और अब्दुल्लाह बिन जुबैर और मोहम्मद बिन अबु बक्र रदियल्लाहु अनहुम सहाबी हैं।*
(बशीरूल क़ारी सफ़्हा 127)
सवाल- क्या इन्सान की तरह जिन्नात और फ़रिश्तों को भी सहाबी होने का शर्फ हासिल है?
*जवाब- हाँ यह हज़रात भी सहाबी की तारीफ़ में दाख़िल हैं और उन्हें भी सहाबी होने का शर्फ हासिल है।*
(ज़रक़ानी जिल्द 1 सफ़्हा 302व जिल्द 7 सफ़्हा 28/तक़मीलूल ईमान सफ़्हा 9/बशीरूल क़ारी सफ़्हा 125)
सवाल- क्या कुछ पैग़म्बर भी सहाबी हैं जिनको देखने वाले ताबेई होंगे?
*जवाब- हाँ वह नबी जिन्होंने अपनी दुनियावी जिन्दगी में हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहे वसल्लम को ज़मीन पर देखा जैसे हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम और हज़रत इलयास अलैहिस्सलाम की उन्होंने बैतुल मुकद्दर में हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहे वसल्लम को देखा था वह सहाबी हैं इसी तरह हज़रत खिज्र अलैहिस्सलाम सहाबी है उनको देखने वाले ताबेई होंगे।*
(सावी जिल्द 3 सफ़्हा 287/अलमलफूज जिल्द 4 सफ़्हा 47)
सवाल- तमाम सहाबा में अफ़ज़ल कौन हैं?
*जवाब- हज़रत अबु बक़र सिद्दीक रदियल्लाहु तआला अन हज़रत उमर फारुके आज़म रदियल्लाहु तआला अन हज़रत उस्माने ग़नी रदियल्लाहु तआला अन हज़रत अली मुश्किल कुशा रदियल्लाहु तआला अन।*
(मवाहिब लदुन्निया जिल्द 1 सफ़्हा 414)
सवाल- ख़िलाफ़ते राशिदह किसे कहते है और उनके मिसदाक़(मुसातहिक़) कौन-कौन हुऐ?
*जवाब- ख़िलाफ़ते राशिदह उस ख़िलाफ़त को कहते है जो नुबुव्वत के तरीके पर हो जैसे चारों ख़लीफा ए इस्लाम और हज़रत इमामे हसन मुजतबा रदियल्लाहु तआला अन और अमर बिन अब्दुल अज़ीज़ की ख़िलाफ़त और आख़िर ज़माने में हज़रत इमाम महदी रदियल्लाहु तआला अन ऐसी ख़िलाफ़त कातम फ़रमाऐंगे।*
(अलमलफूज जिल्द 3 सफ़्हा 59)
सवाल- ख़िलाफ़ते रशिदा कितने सालों तक रही?
*जवाब- पहले तीस साल फिर बाद में हज़रत अमर इब्ने अब्दुल अज़ीज़ की ख़िलाफ़ते राशिदह ढाई साल तक रही।*
(शरह फ़िक़हे अकबर लिअली क़ारी सफ़्हा 68/निबरास सफ़्हा 504)
सवाल- खुलफ़ाऐ राशिदीन में किन की ख़िलाफ़त कितने साल रही?
*जवाब- हज़रत अबु बक़र सिद्दीक रदियल्लाहु तआला अन की ख़िलाफ़त ढाई साल रही, हज़रत उमर फारुके आज़म रदियल्लाहु तआला अन की साढ़े दस साल हज़रत उस्माने ग़नी रदियल्लाहु तआला अन की बारह साल हज़रत अली मुश्किल रदियल्लाहु तआला अन की चार साल नौ महीने रही फिर इमामे हसन रदियल्लाहु तआला अन की छः महीने ख़लीफा रही।*
(शरह फ़िक़हे अकबर लिअली क़ारी सफ़्हा 68/निबरास सफ़्हा 504)
सवाल- खुलफ़ाऐ राशिदीन में किन-किन की उम्र हुजूरे अनवर सल्ललाहो तआला अलैह वसल्लम की उम्र शरीफ़ के बराबर हुई?
*जवाब- हज़रत अबु बक़र सिद्दीक रदियल्लाहु तआला अन हज़रत उमर फारुके आज़म रदियल्लाहु तआला अन हज़रत अली मुश्किल कुशा रदियल्लाहु तआला अन की हुई।*
(मसनद इमाम आज़म सफ़्हा 113/अलमलफूज जिल्द 1 सफ़्हा 9)
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