بسم الله الرحمن الرحيم
*बिस्मिल्लाहहिर्रहमानिर्रिहीम*
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
*अस्सालातु वसल्लामु अलैहका या रसूलउल्लाह सल्ललाहो अलैह वसल्लम*
+_____🕋🕋____________+
*नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम बयान पोस्ट(2)*
+_____📖📖____________+
सवाल- नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के कितने नाम हैं?
*जवाब- बेशुमार नाम हैं नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के नाम हर ज़िन्स में अलग अलग और हर तबके में जुदा जुदा हैं अब तक आलिमों व इमामों ने जो नाम शुमार किये हैं वह1400 हैं।*
(अहकामे शरीअत जिल्द2 सफ़्हा157)
सवाल- नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का जाती नाम लेकर पुकारना यानी मोहम्मद,या अहमद कहना कैसा है।
*जवाब- या मोहम्मद या अहमद कहना हराम है बल्कि या नबिय्यल्लाह,या रसूलअल्लाह कहा जाए।*
(शरह शिफ़ा जिल्द2 सफ़्हा368/तजलिल्युल वक़ील सफ़्हा18)
सवाल- नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का सीना मुबारक़ कितनी बार चीरा गया?
*जवाब- चार बार चीरा गया,पहली बार जब आप हलीमा सअदिया के घर थे और आपकी उम्र मुबारक़ चार साल की थी दूसरी बार दस साल की उम्र में,तीसरी बार ऐलान-ए-नबुव्वत के वक़्त करीब जब वही आने का वक़्त करीब हुआ तब आप का सीना मुबारक़ चॉक किया गया,और चौथी बार मेराज़ की रात में।*
(नुरुल अब्सार सफ़्हा15/तफ़्सीर अज़ीज़ी पारा30/सफ़्हा233)
सवाल- क्या नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का पाखाना और पैशाब पाक है?
*जवाब- हाँ सब पाक व तय्यब है।*
(फ़तावा रिज़विया ज़िल्द1 सफ़्हा105)
सवाल- प्यारे नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का वह कौनसा मोजिज़ा है जो हमेशा रहेगा और कभी ख़त्म नही होगा?
*जवाब- क़ुराने मज़ीद।*
(मवाहिब लदुन्निया जिल्द1 सफ़्हा401)
+_____📚📚____________+
*हदीसे पाक में है कि इल्म फैलाने वाले के बराबर कोई आदमी सदक़ा नहीं कर सकता।*
(क़ुर्बे मुस्तफा,सफह 100)
*बिस्मिल्लाहहिर्रहमानिर्रिहीम*
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
*अस्सालातु वसल्लामु अलैहका या रसूलउल्लाह सल्ललाहो अलैह वसल्लम*
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*नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम बयान पोस्ट(2)*
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सवाल- नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के कितने नाम हैं?
*जवाब- बेशुमार नाम हैं नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के नाम हर ज़िन्स में अलग अलग और हर तबके में जुदा जुदा हैं अब तक आलिमों व इमामों ने जो नाम शुमार किये हैं वह1400 हैं।*
(अहकामे शरीअत जिल्द2 सफ़्हा157)
सवाल- नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का जाती नाम लेकर पुकारना यानी मोहम्मद,या अहमद कहना कैसा है।
*जवाब- या मोहम्मद या अहमद कहना हराम है बल्कि या नबिय्यल्लाह,या रसूलअल्लाह कहा जाए।*
(शरह शिफ़ा जिल्द2 सफ़्हा368/तजलिल्युल वक़ील सफ़्हा18)
सवाल- नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का सीना मुबारक़ कितनी बार चीरा गया?
*जवाब- चार बार चीरा गया,पहली बार जब आप हलीमा सअदिया के घर थे और आपकी उम्र मुबारक़ चार साल की थी दूसरी बार दस साल की उम्र में,तीसरी बार ऐलान-ए-नबुव्वत के वक़्त करीब जब वही आने का वक़्त करीब हुआ तब आप का सीना मुबारक़ चॉक किया गया,और चौथी बार मेराज़ की रात में।*
(नुरुल अब्सार सफ़्हा15/तफ़्सीर अज़ीज़ी पारा30/सफ़्हा233)
सवाल- क्या नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का पाखाना और पैशाब पाक है?
*जवाब- हाँ सब पाक व तय्यब है।*
(फ़तावा रिज़विया ज़िल्द1 सफ़्हा105)
सवाल- प्यारे नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का वह कौनसा मोजिज़ा है जो हमेशा रहेगा और कभी ख़त्म नही होगा?
*जवाब- क़ुराने मज़ीद।*
(मवाहिब लदुन्निया जिल्द1 सफ़्हा401)
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*हदीसे पाक में है कि इल्म फैलाने वाले के बराबर कोई आदमी सदक़ा नहीं कर सकता।*
(क़ुर्बे मुस्तफा,सफह 100)
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