*_✭ﺑِﺴْــــــــــــــــﻢِﷲِﺍﻟﺮَّﺣْﻤَﻦِﺍلرَّﺣِﻴﻢ✭_*
*_★الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ★_*
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📕 *_करीना -ए-जिन्दगी_*📕
✍🏻 *_....भाग-7⃣3⃣_*
*_[जरा इसे भी पढ़िए!]_*
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🔵 *_ज़िना का बयान_* 🔵
*___________________________________*
👉🏻 *_जिना कैसे साबीत होंगा?_*
💎 *_अल्लाह तबारक तआला इर्शाद फ़र्माता है!.._*
*_وَ الَّذِیۡنَ یَرۡمُوۡنَ اَزۡوَاجَہُمۡ وَ لَمۡ یَکُنۡ لَّہُمۡ شُہَدَآءُ اِلَّاۤ اَنۡفُسُہُمۡ فَشَہَادَۃُ اَحَدِہِمۡ اَرۡبَعُ شَہٰدٰتٍۭ بِاللّٰہِ ۙ اِنَّہٗ لَمِنَ الصّٰدِقِیۡنَ ﴿۶﴾_*
*_وَ الۡخَامِسَۃُ اَنَّ لَعۡنَتَ اللّٰہِ عَلَیۡہِ اِنۡ کَانَ مِنَ الۡکٰذِبِیۡنَ ﴿۷﴾_*
*_وَ یَدۡرَؤُا عَنۡہَا الۡعَذَابَ اَنۡ تَشۡہَدَ اَرۡبَعَ شَہٰدٰتٍۭ بِاللّٰہِ ۙ اِنَّہٗ لَمِنَ الۡکٰذِبِیۡنَ ۙ﴿۸﴾_*
*_وَ الۡخَامِسَۃَ اَنَّ غَضَبَ اللّٰہِ عَلَیۡہَاۤ اِنۡ کَانَ مِنَ الصّٰدِقِیۡنَ ﴿۹﴾_*
💎 *_तर्जुमा आयत नं 6 : और वह जो अपनी औरतो को ऐब लगाए, और इनके पास अपने बयान के सिवा गवाह न हो तो, ऐसे किसी की गवाही यह है के,चार बार गवाही दे अल्लाह के नाम से के वह सच्चा है!_*
💎 *_तर्जुमा आयत नं 7 : और पॉंचवी यह के अल्लाह की लानत हो इस पर अगर झुठा हो!_*
💎 *_तर्जुमा आयत नं 8 : और औरत से युं सजा टल जाएंगी के वह अल्लाह का नाम लेकर चार बार गवाही दे के मर्द झुठा है!_*
💎 *_तर्जुमा आयत नं 9 : और पॉंचवी युं के औरत पर गजब अल्लाह का अगर मर्द सच्चा हो!_*
📕 *_[तर्जुमा : क़ुरआन कंजुल इमान सूर ए नुर आयत नं, 6, 7, 8 और 9]_*
*___________________________________*
👉🏻 *_किन लोगो की गवाही मोतब्बर मानी जाएंगी?_*
💫 _जिना का सुबुत बाशरअ, नमाजी, परहेजगार, मुत्तकी, जो न कोई गुनाहे कबीरा करते हो, न किसी गुनाहे सगीरह पर इसरार रखते हो, न कोई बात खिलाफे मुरव्वत छिछोरे पन की करते हो, और न ही बाजारो मे खाते पिते हो, और न ही सडको पर पेशाब करते हो, ऐसे चार मर्दो की गवाही से जिना साबीत होता है! या जिना करने वाले के चार मर्तबा इकरार कर लेने से, फिर भी इमाम बार बार सवाल करेंगा और दर्याफ्त करेंगा की........ *तेरी जिना से मुराद क्या है? कहॉं किया? किससे किया? कब किया?* अगर इन सबको बयान कर दिया तो *जिना* साबीत होंगा वर्ना नही!_
👉🏻 *_झुठी गवाही देने वालो की सजा_* _और गवाहो को खुल कर साफ साफ अपना चश्मदीद मुआइना बयान करना होंगा की हमने मर्द का बदन औरत के बदन के अंदर खास इस तरह देखा *जैसे सुरमे दानी मे सलाई* अगर इन बातो मे से कोई भी बात कम होंगी मसलन चार गवाहो से कम हो या उन मे एक आला दर्जा का न हो, या मर्द तीन हो और औरते दस-बिस ही क्यो न हो, इन सब सुरतो मे यह गवाहिंयॉ नही मानी जाएंगी! अगर्चे इस किस्म की सौ दो सौ गवाहियॉ गुजरी हरगिज जिना का सुबुत न होंगा और ऐसी तोहमत लगाने वाले खुद ही सजा पाएंगे! और उन्हे बतौर सजा अस्सी कोडे लगाए जाएंगे!_
📕 *_[फतावा रज्वीया, जिल्द 5 सफा नं. 974]_*
*_وَ الَّذِیۡنَ یَرۡمُوۡنَ الۡمُحۡصَنٰتِ ثُمَّ لَمۡ یَاۡتُوۡا بِاَرۡبَعَۃِ شُہَدَآءَ فَاجۡلِدُوۡہُمۡ ثَمٰنِیۡنَ جَلۡدَۃً وَّ لَا تَقۡبَلُوۡا لَہُمۡ شَہَادَۃً اَبَدًا ۚ وَ اُولٰٓئِکَ ہُمُ الۡفٰسِقُوۡنَ ۙ﴿۴﴾_*
💎 *_तर्जुमा: जो लोग पाक दामन औरतो पर जिना की तोहमत (इल्जाम) लगाए, फिर चार गवाह न पेश कर सके, तो इन्हे 80 कोडे लगाओ, और कभी भी इनकी गवाही कबुल न करो यह फासीक (झुठे) लोग है!_*
📕 *_[तर्जुमा : क़ुरआन कंजुल इमान सूर ए नुर आयत न. 4]_*
*____________________________________*
_आला हजरत इमाम अहमद रजा कादरी और हजरत सदरूल-अफाजील अल्लामा नईमुद्दीन मुरादाबादी रहमतुल्लाह अलैही *"फतावा रज्वीया"* और तफ्सीर कुरआने करीम *"खजाएनुल-इर्फान"* मे *गैर शादी-शुदा जानी मर्द और जानी औरत के सजा के बारे मे* नक्ल करते है............_
*_"जानी मर्द को कोडे लगाते वक्त खडा किया जाए! और उसके तमाम बदन के कपडे उतार दिये जाए, सिवाए लुंगी के और उसके तमाम बदन पर कोडे लगाए जाए सिवाए चेहरा और शर्मगाह के! और औरत को कोडे लगाते वक्त खडा न किया जाए न उसके कपडे उतारे जाए अगर पोस्तीन या रूईदार कपडे पहने हुए हो तो उतार लिया जाए!"_*
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*_★الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ★_*
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📕 *_करीना -ए-जिन्दगी_*📕
✍🏻 *_....भाग-7⃣3⃣_*
*_[जरा इसे भी पढ़िए!]_*
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🔵 *_ज़िना का बयान_* 🔵
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👉🏻 *_जिना कैसे साबीत होंगा?_*
💎 *_अल्लाह तबारक तआला इर्शाद फ़र्माता है!.._*
*_وَ الَّذِیۡنَ یَرۡمُوۡنَ اَزۡوَاجَہُمۡ وَ لَمۡ یَکُنۡ لَّہُمۡ شُہَدَآءُ اِلَّاۤ اَنۡفُسُہُمۡ فَشَہَادَۃُ اَحَدِہِمۡ اَرۡبَعُ شَہٰدٰتٍۭ بِاللّٰہِ ۙ اِنَّہٗ لَمِنَ الصّٰدِقِیۡنَ ﴿۶﴾_*
*_وَ الۡخَامِسَۃُ اَنَّ لَعۡنَتَ اللّٰہِ عَلَیۡہِ اِنۡ کَانَ مِنَ الۡکٰذِبِیۡنَ ﴿۷﴾_*
*_وَ یَدۡرَؤُا عَنۡہَا الۡعَذَابَ اَنۡ تَشۡہَدَ اَرۡبَعَ شَہٰدٰتٍۭ بِاللّٰہِ ۙ اِنَّہٗ لَمِنَ الۡکٰذِبِیۡنَ ۙ﴿۸﴾_*
*_وَ الۡخَامِسَۃَ اَنَّ غَضَبَ اللّٰہِ عَلَیۡہَاۤ اِنۡ کَانَ مِنَ الصّٰدِقِیۡنَ ﴿۹﴾_*
💎 *_तर्जुमा आयत नं 6 : और वह जो अपनी औरतो को ऐब लगाए, और इनके पास अपने बयान के सिवा गवाह न हो तो, ऐसे किसी की गवाही यह है के,चार बार गवाही दे अल्लाह के नाम से के वह सच्चा है!_*
💎 *_तर्जुमा आयत नं 7 : और पॉंचवी यह के अल्लाह की लानत हो इस पर अगर झुठा हो!_*
💎 *_तर्जुमा आयत नं 8 : और औरत से युं सजा टल जाएंगी के वह अल्लाह का नाम लेकर चार बार गवाही दे के मर्द झुठा है!_*
💎 *_तर्जुमा आयत नं 9 : और पॉंचवी युं के औरत पर गजब अल्लाह का अगर मर्द सच्चा हो!_*
📕 *_[तर्जुमा : क़ुरआन कंजुल इमान सूर ए नुर आयत नं, 6, 7, 8 और 9]_*
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👉🏻 *_किन लोगो की गवाही मोतब्बर मानी जाएंगी?_*
💫 _जिना का सुबुत बाशरअ, नमाजी, परहेजगार, मुत्तकी, जो न कोई गुनाहे कबीरा करते हो, न किसी गुनाहे सगीरह पर इसरार रखते हो, न कोई बात खिलाफे मुरव्वत छिछोरे पन की करते हो, और न ही बाजारो मे खाते पिते हो, और न ही सडको पर पेशाब करते हो, ऐसे चार मर्दो की गवाही से जिना साबीत होता है! या जिना करने वाले के चार मर्तबा इकरार कर लेने से, फिर भी इमाम बार बार सवाल करेंगा और दर्याफ्त करेंगा की........ *तेरी जिना से मुराद क्या है? कहॉं किया? किससे किया? कब किया?* अगर इन सबको बयान कर दिया तो *जिना* साबीत होंगा वर्ना नही!_
👉🏻 *_झुठी गवाही देने वालो की सजा_* _और गवाहो को खुल कर साफ साफ अपना चश्मदीद मुआइना बयान करना होंगा की हमने मर्द का बदन औरत के बदन के अंदर खास इस तरह देखा *जैसे सुरमे दानी मे सलाई* अगर इन बातो मे से कोई भी बात कम होंगी मसलन चार गवाहो से कम हो या उन मे एक आला दर्जा का न हो, या मर्द तीन हो और औरते दस-बिस ही क्यो न हो, इन सब सुरतो मे यह गवाहिंयॉ नही मानी जाएंगी! अगर्चे इस किस्म की सौ दो सौ गवाहियॉ गुजरी हरगिज जिना का सुबुत न होंगा और ऐसी तोहमत लगाने वाले खुद ही सजा पाएंगे! और उन्हे बतौर सजा अस्सी कोडे लगाए जाएंगे!_
📕 *_[फतावा रज्वीया, जिल्द 5 सफा नं. 974]_*
*_وَ الَّذِیۡنَ یَرۡمُوۡنَ الۡمُحۡصَنٰتِ ثُمَّ لَمۡ یَاۡتُوۡا بِاَرۡبَعَۃِ شُہَدَآءَ فَاجۡلِدُوۡہُمۡ ثَمٰنِیۡنَ جَلۡدَۃً وَّ لَا تَقۡبَلُوۡا لَہُمۡ شَہَادَۃً اَبَدًا ۚ وَ اُولٰٓئِکَ ہُمُ الۡفٰسِقُوۡنَ ۙ﴿۴﴾_*
💎 *_तर्जुमा: जो लोग पाक दामन औरतो पर जिना की तोहमत (इल्जाम) लगाए, फिर चार गवाह न पेश कर सके, तो इन्हे 80 कोडे लगाओ, और कभी भी इनकी गवाही कबुल न करो यह फासीक (झुठे) लोग है!_*
📕 *_[तर्जुमा : क़ुरआन कंजुल इमान सूर ए नुर आयत न. 4]_*
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_आला हजरत इमाम अहमद रजा कादरी और हजरत सदरूल-अफाजील अल्लामा नईमुद्दीन मुरादाबादी रहमतुल्लाह अलैही *"फतावा रज्वीया"* और तफ्सीर कुरआने करीम *"खजाएनुल-इर्फान"* मे *गैर शादी-शुदा जानी मर्द और जानी औरत के सजा के बारे मे* नक्ल करते है............_
*_"जानी मर्द को कोडे लगाते वक्त खडा किया जाए! और उसके तमाम बदन के कपडे उतार दिये जाए, सिवाए लुंगी के और उसके तमाम बदन पर कोडे लगाए जाए सिवाए चेहरा और शर्मगाह के! और औरत को कोडे लगाते वक्त खडा न किया जाए न उसके कपडे उतारे जाए अगर पोस्तीन या रूईदार कपडे पहने हुए हो तो उतार लिया जाए!"_*
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