मौत का बयान

بسم الله الرحمن الرحيم‎
الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ

सवाल- क्या मौत व हयात दोनो वुजूदी हैं
*जवाब- हाँ दोनो वुजूदी हैं।*
(अलमलफूज जिल्द 4 सफ़्हा 71)

सवाल- मौत व हयात किस शक्ल में है?
*जवाब- मौत हजरत इजराईल अलैहिस्सलाम के कब्जे में एक मैढे की शक्ल मे है जिनके पास से वह गुजरता है वह मर जाता है और हयात यानी जिन्दगी हजरत जिब्राईल अलैहिस्सलाम की सवारी में एक घोड़ी की शक़्ल मे है जिस बेजान के पास से गुजरती है वह जिन्दा हो जाता है।*
(ख़ाज़िन व मआलिम जिल्द 7 सफ़्हा 103/शरहुस्सुदूर सफ़्हा 15/शरह शिफा जिल्द 1 सफ़्हा 29)

सवाल- क्या मौत को भी मौत होगी?
*जवाब- हाँ मौत को एक मैंढे की शक़्ल में जन्नत व दोज़ख़ के दरमीयान लाया जाऐगा और हजरत यहया अलैहिस्सलाम उसे हुजूरे अनवर सल्ललाहु अलैहे वसल्लम के सामने अपने हाथ से जिबह फरमाऐगे।*
(शरहुस्सुदूर सफ़्हा 15)

सवाल- क्या इन्सान की तरह फरिश्तो को भी मौत लाहिक होती है?
*जवाब- फरिशतो के लिए कयामत से पहले मौत नही है फरिश्ते उस वक़्त मरेगें जब पहला सूर फूका जाऐगा मलकुल मौत उनकी रूह क़ब्ज करेंगे फिर वह खुद भी मर जाऐगें।*
(आलहिदायतुल मुबारकह सफ़्हा 17)

सवाल- रूह को भी मौत होगी?
*जवाब- नही होगी।*
(फ़तावा रिज़विया जिल्द 9 सफ़्हा 58)

सवाल- क्या मौत के वक़्त तकलीफ होगी?
*जवाब- हाँ तकलीफ होती है उसकी कम से कम तकलीफ की मिसाल यह है कि कोई शख्स काँटे दार शाख को ऊन में डाले फिर उसे खींचे तो शाख के साथ ऊन का रेशा-रेशा निकल आऐगा यानी नजअ के वक़्त गोया हर रगे जाँ में काँटे चुभते है और उन्हीं के साथ रूह निकलती है।*
(शरहुस्सुदूर सफ़्हा 13)

सवाल- फिर क्या वजह है कि इतनी तकलीफ के बावजूद मरने वाला पुर सुकून नजर आता है?
*जवाब- फरिश्ते उसे मजबूती से बाँध देते है वरना अगर यह बात न हो तो तकलीफ की वजह से वह अपने करीब वालो को तलवार लेकर मारने लगे।*
(शरहुस्सुदूर सफ़्हा 13)

सवाल- आदमी के मरने के बाद उसे खुश्बू क्यो लगाते है?
*जवाब- एक रिवायत मे है कि जब हजरत इजराईल अलैहिस्सलाम हजरत आदम अलैहिस्सलाम की तखलीद के लिये जमीन से मिट्टी उठा कर ले गऐ तो जमीन ने अल्लाह तआला की बारगाह में शिकायत की कि ऐ अल्लाह तआला मिट्टी उठाने से तो मुझ में कमी आ गई अल्लाह तआला ने जवाब दिया घबराओ मत जब यह तुम में वापस आऐगा तो पहले से ज्यादा हसीन व जमील और खुशबूदार होगा यही वजह है कि मय्यित को इत्र व मुश्क से मुअत्तर किया जाता है।*
(रूहुल बयान जिल्द 1 सफ़्हा 68)

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