بسم الله الرحمن الرحيم
*बिस्मिल्लाहहिर्रहमानिर्रिहीम*
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
*अस्सालातु वसल्लामु अलैहका या रसूलउल्लाह सल्ललाहो अलैह वसल्लम*
सवाल- वुज़ू कहाँ फ़र्ज़ हुआ?
*जवाब- मक़्क़ा में।*
(तहतावी अला मुराकियुल फलाह सफ़्हा33)
सवाल- किन किन सूरतों में वुज़ू करना फ़र्ज़ है?
*जवाब- मुहदिस को हर किस्म की नमाज़ नमाज़े ज़नाज़ा सदाए तिलावत और क़ुराने मुक़द्दस छूने के लिये वुज़ू करना फ़र्ज़ है।*
(बहरूर्राइक जिल्द1 सफ़्हा16/फतावा रिज़विया जिल्द1 सफ़्हा206)
सवाल- किस सूरत में वुज़ू करना वाज़िब है?
*जवाब- खान-ऐ-काबा का तवाफ़ करने के लिये वुज़ू करना वाजिब है।*
(बहरूर्राइक जिल्द1 सफ़्हा16)
सवाल- किन सूरतों में वुज़ू करना वाजिब है?
*जवाब- अज़ान व इक़ामत, ख़ुत्बा ऐ जुमा व ईदैन और हुज़ूर नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के रोज़े मुबारक की ज़ियारत व बुक़ुफे अरफ़ा और सफा व मरवा के दरमयान दौड़ने वगैरह के लिये वुज़ू करना सुन्नत है।*
(बहारे शरीअत जिल्द2 सफ़्हा23)
सवाल- किन सूरतों में वुज़ू करना मुस्तहब है?
*जवाब- सोने के लिये और सोने के बाद, मय्यित को नहलाने के लिये हदीस और इल्में दीन पढ़ने और पढ़ाने के लिये हालते ज़िनाबत में खाने पीने के लिये वुज़ू करना मुस्तहब है।*
(बहारे शरीअत जिल्द2 सफ़्हा23)
सवाल- किन सूरतों में नया वुज़ू करना मुस्तहब है?
*जवाब- कहकहा लगाने,गीबत करने,चुग़ली खाने,किसी को गाली देने कोई फुहश लफ्ज़ जुबान से निकलने झूटी बात सादिक़ होने,कोई दुनयावी शेर पढ़ने गुस्सा आने,गैर महरम औरत के हुस्न पर नज़र करने, किसी काफ़िर से बदन मस होने(अगरचे वह कलमा पढ़ता हो और अपने आपको मुसलमान कहलाता हो)ज़कर(पैशाब के आले)को छू लेने से नया वुज़ू करना मुस्तहब है दर असल जाबता यह है कि जिस बात से किसी और इमाम मुजतहिद के मज़हब में वुज़ू जाता रहे उसके वाके होने से हमारे मज़हब में वुज़ू का लौटाना मुस्तहब है।*
(फतावा रिज़विया ज़िल्द1 सफ़्हा208)
सवाल- क्या वुज़ू से गुनाह सग़ीरा और कबीरा दोनों धुल जाते हैं।
*जवाब- हाँ सगीरा और कबीरा दोनों धुल जाते हैं।*
(फतावा रिज़विया जिल्द1 सफ़्हा167)
सवाल- वह कौन लोग हैं जिनकी नींद वुज़ू को नहीं तोड़ती?
*जवाब- अम्बिया किराम हैं।*
(दुर्र मुख्तार मअ रददुल मोहताज़ ज़िल्द1 सफ़्हा101)
सवाल- वुज़ू के फ़र्ज़ कितने हैं?
*जवाब- चार हैं(1)मुँह धोना(2)कुहनियों समीत दोनों धोना(3)चौथाई सर का मसह करना(4)टखनों समीत दोनों पाँव का धोना।*
(बहारे शरीअत ज़िल्द2 सफ़्हा13)
सवाल- वुज़ू में कितनी सुन्नतें हैं?
*जवाब- 15 सुन्नतें हैं(नियत करना(2)बिस्मिल्लाह से शुरू करना(3)दोनों हाथों को गट्टों तक तीन बार धोना(4)मिस्वाक करना(5)दाहने हाथ से तीन कुल्लियाँ करना(6)दाहने हाथ से तीन बार नाक में पानी चढ़ाना(7)बायें हाथ से नाक साफ़ करना(8)दाढ़ी का खिलाल करना(9)हाथ पाँव की उंगलियों का खिलाल करना(10)हर उज़्व को तीन तीन बार धोना(11)पूरे सर का एक बार मसह करना(12)कानों का मसह करना(13)तरतीब से वुज़ू करना(14)दाढ़ी के जो बाल मुँह के दायरे के नीचे हैं उनका मसह करना(15)आज़ा को पेदर पे धोना।*
(बहारे शरीअत जिल्द2 सफ़्हा16से19)
सवाल- मिस्वाक करना वुज़ू की सुन्नत है या नमाज़ की?
*जवाब- वुज़ू की सुन्नत है लिहाज़ा जो एक वुज़ू से चन्द नमाज़े पढ़े उसे हर नमाज़ के लिये मिस्वाक का मुतालबा नही जब तक मुँह में किसी वज़ह से तगय्युर न आगया हो।*
(फतावा रिज़विया जिल्द1 सफ़्हा146)
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*हदीसे पाक में है कि इल्म फैलाने वाले के बराबर कोई आदमी सदक़ा नहीं कर सकता।*
(क़ुर्बे मुस्तफा,सफह 100)
*बिस्मिल्लाहहिर्रहमानिर्रिहीम*
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
*अस्सालातु वसल्लामु अलैहका या रसूलउल्लाह सल्ललाहो अलैह वसल्लम*
सवाल- वुज़ू कहाँ फ़र्ज़ हुआ?
*जवाब- मक़्क़ा में।*
(तहतावी अला मुराकियुल फलाह सफ़्हा33)
सवाल- किन किन सूरतों में वुज़ू करना फ़र्ज़ है?
*जवाब- मुहदिस को हर किस्म की नमाज़ नमाज़े ज़नाज़ा सदाए तिलावत और क़ुराने मुक़द्दस छूने के लिये वुज़ू करना फ़र्ज़ है।*
(बहरूर्राइक जिल्द1 सफ़्हा16/फतावा रिज़विया जिल्द1 सफ़्हा206)
सवाल- किस सूरत में वुज़ू करना वाज़िब है?
*जवाब- खान-ऐ-काबा का तवाफ़ करने के लिये वुज़ू करना वाजिब है।*
(बहरूर्राइक जिल्द1 सफ़्हा16)
सवाल- किन सूरतों में वुज़ू करना वाजिब है?
*जवाब- अज़ान व इक़ामत, ख़ुत्बा ऐ जुमा व ईदैन और हुज़ूर नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के रोज़े मुबारक की ज़ियारत व बुक़ुफे अरफ़ा और सफा व मरवा के दरमयान दौड़ने वगैरह के लिये वुज़ू करना सुन्नत है।*
(बहारे शरीअत जिल्द2 सफ़्हा23)
सवाल- किन सूरतों में वुज़ू करना मुस्तहब है?
*जवाब- सोने के लिये और सोने के बाद, मय्यित को नहलाने के लिये हदीस और इल्में दीन पढ़ने और पढ़ाने के लिये हालते ज़िनाबत में खाने पीने के लिये वुज़ू करना मुस्तहब है।*
(बहारे शरीअत जिल्द2 सफ़्हा23)
सवाल- किन सूरतों में नया वुज़ू करना मुस्तहब है?
*जवाब- कहकहा लगाने,गीबत करने,चुग़ली खाने,किसी को गाली देने कोई फुहश लफ्ज़ जुबान से निकलने झूटी बात सादिक़ होने,कोई दुनयावी शेर पढ़ने गुस्सा आने,गैर महरम औरत के हुस्न पर नज़र करने, किसी काफ़िर से बदन मस होने(अगरचे वह कलमा पढ़ता हो और अपने आपको मुसलमान कहलाता हो)ज़कर(पैशाब के आले)को छू लेने से नया वुज़ू करना मुस्तहब है दर असल जाबता यह है कि जिस बात से किसी और इमाम मुजतहिद के मज़हब में वुज़ू जाता रहे उसके वाके होने से हमारे मज़हब में वुज़ू का लौटाना मुस्तहब है।*
(फतावा रिज़विया ज़िल्द1 सफ़्हा208)
सवाल- क्या वुज़ू से गुनाह सग़ीरा और कबीरा दोनों धुल जाते हैं।
*जवाब- हाँ सगीरा और कबीरा दोनों धुल जाते हैं।*
(फतावा रिज़विया जिल्द1 सफ़्हा167)
सवाल- वह कौन लोग हैं जिनकी नींद वुज़ू को नहीं तोड़ती?
*जवाब- अम्बिया किराम हैं।*
(दुर्र मुख्तार मअ रददुल मोहताज़ ज़िल्द1 सफ़्हा101)
सवाल- वुज़ू के फ़र्ज़ कितने हैं?
*जवाब- चार हैं(1)मुँह धोना(2)कुहनियों समीत दोनों धोना(3)चौथाई सर का मसह करना(4)टखनों समीत दोनों पाँव का धोना।*
(बहारे शरीअत ज़िल्द2 सफ़्हा13)
सवाल- वुज़ू में कितनी सुन्नतें हैं?
*जवाब- 15 सुन्नतें हैं(नियत करना(2)बिस्मिल्लाह से शुरू करना(3)दोनों हाथों को गट्टों तक तीन बार धोना(4)मिस्वाक करना(5)दाहने हाथ से तीन कुल्लियाँ करना(6)दाहने हाथ से तीन बार नाक में पानी चढ़ाना(7)बायें हाथ से नाक साफ़ करना(8)दाढ़ी का खिलाल करना(9)हाथ पाँव की उंगलियों का खिलाल करना(10)हर उज़्व को तीन तीन बार धोना(11)पूरे सर का एक बार मसह करना(12)कानों का मसह करना(13)तरतीब से वुज़ू करना(14)दाढ़ी के जो बाल मुँह के दायरे के नीचे हैं उनका मसह करना(15)आज़ा को पेदर पे धोना।*
(बहारे शरीअत जिल्द2 सफ़्हा16से19)
सवाल- मिस्वाक करना वुज़ू की सुन्नत है या नमाज़ की?
*जवाब- वुज़ू की सुन्नत है लिहाज़ा जो एक वुज़ू से चन्द नमाज़े पढ़े उसे हर नमाज़ के लिये मिस्वाक का मुतालबा नही जब तक मुँह में किसी वज़ह से तगय्युर न आगया हो।*
(फतावा रिज़विया जिल्द1 सफ़्हा146)
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*हदीसे पाक में है कि इल्म फैलाने वाले के बराबर कोई आदमी सदक़ा नहीं कर सकता।*
(क़ुर्बे मुस्तफा,सफह 100)
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