जन्नत का बयान

*بسم الله الرحمن الرحيم‎*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

सवाल- जन्नत क्या चीज़ है?
*जवाब- जन्नत एक आलीशान मकान है जिसे अल्लाह तआला ने मोमिन बन्दों के लिए तैयार किया है जिस में ऐसी नेमत और राहत व आराम की चीज़े मुहय्या है जिसकी न किसी आँख ने देखा और न किसी कान ने सुना और न किसी आदमी के दिल पर उनका खतरा गुजरा।*
(बहारे शरीअत जिल्द 1 सफ़्हा 43)

सवाल- जन्नत कहाँ है?
*जवाब- जन्नत सातवें आसमान के उपर अर्शे आज़म के नीचे है।*
तफ़सीर कबीर जिल्द 8 सफ़्हा 97/तफ़सीर अज़ीज़ी पारा 30 सफ़्हा 12)

सवाल- जन्नत व जहन्नम में पहले कौन पैदा हुआ?
*जवाब- पहले जन्नत पैदा की गई।*
(ज़रक़ानी जिल्द 1 सफ़्हा 46)

सवाल- जन्नत के तबक़ात कितने हैं?
*जवाब- आठ हैं,(1)दारूलजलाल, यह पूरा नूर ही नूर है(सुबहानअल्लाह)(2)दारूल क़रार,उसमें तमाम चीजें मरजान की हैं,(3)दारूलस्सलाम,इस में तमाम चीजें याकूते अहमर की हैं,(4)जन्नते अद्न,इसमें तमाम चीज़े जबुर जद की हैं,(5)जन्नतुल मावा,यह ख़ालिस सोने की है,(6)जन्नतुल खुल्द यह ख़ालिस चाँदी की है,(7)जन्नतुल फिरदौस यह मोती की है और उसकी दीवार की ईंटें एक सोने की और एक चाँदी और एक याकूत की और एक ज़बुरजद की है और उसका गारा ख़ालिस मुशल का है,(8)जुन्नतुन्नईम यह भी ज़बूर जद की है।*
(रूहुल बयान जिल्द 1 सफ़्हा 56)

सवाल- जन्नत के दरजात कितने हैं?
*जवाब- सौ दरजे हैं और एक दरजे से दूसरे दरजे तक ज़मीन व आसमान का का फ़ासिला है।*
(मिश्कात शरीफ जिल्द 2 सफ़्हा 334)
*एक रिवायत मे है कि कुरान-ए-मुकद्दस की आयतों के बराबर जन्नत के दरजात है और एक दरजे से दूसरे दरजे तक ज़मीनव आसमान का फ़ासला है।*
(अलइतकान जिल्द 1 सफ़्हा 67/कन्जुल उम्माल जिल्द 1 सफ़्हा 481)

सवाल- दारोगा-ए-जन्नत और दारोगा-ए-जहन्नम का नाम क्या है?
*जवाब- दारोगा-ए-जन्नत का नाम रिज़वान है और दारोगा-ए-जहन्नाम का नाम मालिक है।*
(ज़रक़ानी जिल्द 6 सफ़्हा 82)

सवाल- क्या जन्नत में दिन व रात भी होंगे?
*जवाब- नहीं बल्कि वहाँ तो रौशनी ही रौशनी होगी और जन्नतियों के पास उन वक़्तों में जिनमें वह दुनिया में नमाज़े अदा किया करते थे अजीबो ग़रीब चीज़ें पेश होती रहेंगी और फ़रिश्ते उन वक़्तों में जन्नतियों पर सलाम भेजते रहेंगे।*
(जलालैन शरीफ सफ़्हा 258)

सवाल- फिर जन्नत वाले आराम के वक़्त को कैसे पहचानेंगे?
*जवाब- परदों के लटक जाने और दरवाज़ों के बन्द हो जाने से पहचान लेंगे यानी जब आराम का वक़्त होगा तो परदे खुद व खुद लटक जाऐंगे और दरवाजें बन्द हो जाऐंगे ऐसे ही जब सैर व तफरीह का वक़्त होगा तो परदे खुद उठ जाया करेंगे और दरवाजे खुल जाऐंगे।*
(हाशिया जलालन सफ़्हा 258)

सवाल- जन्नत में उम्मते मोहम्मदिया सल्ललाहो तआला अलैह वसल्लम की तादाद कितनी होगी?
*जवाब- हदीस शरीफ में है कि जन्नतियों की एक सौ बीस सफें होंगी जिसमें अस्ली सफ़ों में हुजूरे अनवर सल्लल्लाहु तआला अलैह वसल्लम की उम्मत होगी और चालीस सफ़ों में तमाम अंबियाऐ किराम की उम्मत होगीं।*
(मिश्कात शरीफ जिल्द 2 सफ़्हा 498)

सवाल- जन्नती जन्नत में किस उम्र के होंगे?
*जवाब- सब तीस या तेंतीस साल के मालूम होंगे और सर के बालों पल्कों और भोओं के इलावा बदन पर कहीं बाल न होंगे।*
(मिश्कात शरीफ जिल्द 2 सफ़्हा 498/बहारे शरीअत जिल्द 1 सफ़्हा 48)

सवाल- जन्नती जन्नत में किस शक्लों सूरत में दाख़िल होगें?
*जवाब- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की शक़्ल में दाख़िल होंगे यानी हर एक की लम्बाई साठ हाथ होगी।*
(तफ़सीर अज़ीज़ी सूरऐ बक़र सफ़्हा 147)

सवाल- जन्नत में किसी की दाढ़ी न होगी?
*जवाब- सिर्फ चार नबी के बारे में है कि उनके चेहरे पर दाढ़ी होगी,(1)हज़रत आदम अलैहिस्सलाम,(2)हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम,(3)हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम,(4)हज़रत हारून अलैहिस्सलाम।*
(फ़तावा हदीसिया सफ़्हा 6/मिरआतुल मनाज़ीह जिल्द 7 सफ़्हा 497/तफ़सीर अज़ीज़ी सूरऐ बक़र सफ़्हा 173)

सवाल- सबसे पहले जन्नत में कौनसी उम्मत दाख़िल होगी?
*जवाब- हुजूरे अनवर सल्ललाहो तआला अलैह वसल्लम की उम्मत दाख़िल होंगी।*
(मवाहिब लदुन्निया जिल्द 2 सफ़्हा 402)

सवाल- इस उम्मत में सबसे पहले कौन जन्नत में दाख़िल होगा?
*जवाब- मर्दो में हज़रत अबु बक़र सिद्दीक रदियल्लाहु तआला अन्हो और औरतों में हज़रत फ़ातिमा जोहरा रदियल्लाहु अनहा।*
(सीरत हलबी जिल्द 1 सफ़्हा 266)

सवाल- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम व हज़रत हव्वा में कितने दिन रहे?
*जवाब- यौमे आखिरत के आधे दिन रहे जिसकी मिक़दार दुनिया के पाँच सौ साल के बराबर है।*
(ज़रक़ानी जिल्द 1 सफ़्हा 55)

सवाल- जन्नत में जन्नतीयों को सबसे पहले कौनसा खाना पेश किया जाऐगा?
*जवाब- मछली के जिगर का वह हिस्सा जो किनारे रहता है।*
(बुखारी शरीफ जिल्द 1 सफ़्हा 469)

सवाल- क्या काफ़िरों के छोटे बच्चे भी जन्नत में जाऐंगे?
*जवाब- इस सिलसिले में मुख़तलिफ़ कौल हैं पहला कौल यह है कि अपने बाप दादा के ताबे होकर जन्नत में जाऐंगे दूसरा कौल तवक़्कुफ का है तीसरा कौल यह है कि जन्नत में जाऐंगे यही सही और मुहक्किकीन का कौल है।*
(फ़तावा हदीसिया सफ़्हा 78/खाज़िन जिल्द 2 सफ़्हा 260/उम्दतुल कारी जिल्द 4 सफ़्हा 236)

सवाल- क्या जन्नती जन्नत में कुरान शरीफ की तिलावत करेंगे?
*जवाब- हदीस शरीफ में है कि जन्नतियों के सीने से दो सूरतें यानी सूरते ताहा और सूरते यासीन के इलावा तमाम कुरान उठा लिया जाऐगा सिर्फ इन्हीं दो सूरतों की वह तिलावत करेंगे।*
(कुनूजुल हकाइक जिल्द 2 सफ़्हा 203)

सवाल- क्या जन्नती जन्नत में भी उल्मा के मुहतार होंगे?
*जवाब- हाँ मुहताज होंगे।*
(जामेऐ सग़ीर जिल्द 1 सफ़्हा 74)

सवाल- किन बातों में मुहताज होंगे?
*जवाब- जब मोमिन हर जुमे को अल्लाह तआला के दीदार से सरफ़राज होंगे तो अल्लाह तआला अपने बन्दों से फ़रमाऐगा ऐ बन्दे तमन्ना करो तुम्हारी हर तमन्ना व आरजू पूरी होगी इस पर लोग उल्मा की तरफ रूजुअ करेंगे कि अब हम अपने रब से किस चीज़ की तमन्ना करें उल्मा जवाब देने कि फलाँ-फलाँ चीज़ की तमन्ना करो।*
(जामे सग़ीर जिल्द 1 सफ़्हा 74/अलइत्तेहाक सफ़्हा 104)

सवाल- क्या दुनिया की कुछ इमारतें भी जन्नत में जाऐंगी?
*जवाब- हाँ जैसे काबऐ मुअज़्जन,तमाम मस्जिदें,रौज़ऐ अक़दस,तमाम अंबियाऐ किराम के मज़ारात।*
(अलमलफूज जिल्द 4 सफ़्हा 76)

सवाल- क्या जन्नत में दाख़िल होने के लिये मौत का मज़ा चखना ज़रूरी है?
*जवाब- हाँ जिसने दुनिया की सूरत देख ली वह बग़ैर मज़ा चले ही जन्नत में दाख़िल नही हो सकता।*
(अलमलफूज जिल्द 4 सफ़्हा 46)

सवाल- क्या कुछ आदमी ऐसे भी हैं जो मौत का मज़ा चखे बगैर जन्नत में जाऐंगे?
*जवाब- हाँ वह आदमी हैं जिन्हें अल्लाह तआला जन्नत को भरने के लिये पैदा फ़रमाऐगा यानी उन रूहों को किस दुनियाँ में नहीं भेजी गई जिस्म अता करके मकानों में बतायेगा जो खाली रहेंगे यह हज़रात बहुत आराम से रहे फज्ले खुदा से न दुनिया देखी ना कोई तकलीफ सही न मौत का मज़ा चखा और ना ही कोई अम्ल किया अल्लाह व उसके रसुल पर इमान लाऐ और हमेंशा के लिये दारूल जन्नत होगे अल्लाह तआला के फ़ज़्ल से।*
(अलमलफूज जिल्द 2 सफ़्हा 85)

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