शयातीन का बयान

‎ بسم الله الرحمن الرحيم‎
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सवाल- शयातीन की हकीकत क्या है?
जवाब- वह आग से पैदा किये गऐ हैं उनको अल्लाह तआला ने यह ताकत दी है कि जो शक़्ल चाहें इख्तियार करले,शरीर जिन्नों को शयातीन कहते हैं।
(ख़ाज़िन जिल्द 2 सफ़्हा 176)

सवाल- क्या इब्लीस कौमें जिन्न में से है?
जवाब- हाँ यही मशहूर और हक़ है।
(कुरान-ए-मुकद्दस/तक़मीलूल ईमान सफ़्हा 10)

सवाल- इब्लीस का अस्ल नाम क्या है?
जवाब- पहले आसमान में उसका नाम आबिद,दूसरे में ज़ाहिद,तीसरे में आरिफ़,चौथे में वली,पांचवे में तक़ी,छटे में ख़ाज़िन,सातवें में अज़ाज़ील,और लौहे महफ़ूज में इब्लीस है।
(सावी जिल्द 1 सफ़्हा 22)

सवाल- इब्लीस जन्नत में ख़ज़ानची कितने साल रहा?
जवाब- चालीस हजार साल।
(सावी जिल्द 1 सफ़्हा 22)

सवाल- इब्लीस ने अर्शे आज़म का तवाफ़ कितने साल तक किया?
जवाब- चौदह हज़ार साल तक।
(सावी जिल्द 1 सफ़्हा 22)

सवाल- इब्लीस फ़रिश्तों के साथ कितने दिनों तक रहा?
जवाब- अस्सी हजार साल और बीस हज़ार साल तक फ़रिशतों को वाज व नसीहत करता रहा और तीस हजार साल तक कर्रोबीन फ़रिश्तों का सरदार रहा और एक हज़ार साल तक रूहानीन फ़रिशतों का सरदार रहा।
(सावी जिल्द 1 सफ़्हा 22)

सवाल- फिर इब्लीस मरदूदे बारगाह क्यों हुआ जबकि वह मुआल्लिमुल मलकूत(फ़रिशतों का उस्ताद)था?
जवाब- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को सज्दा न करने की वजह से।
(ख़ाज़िन जिल्द 2 सफ़्हा 176)

सवाल- इब्लीस ने मरदूद बारगाह होने से पहले कितने दिनों तक अल्लाह की इबादत व रियाज़त की?
जवाब- पचास हजार साल तक यहाँ तक कि अगर उसके सजदों को फैला दिया जाऐ तो जमीन आसमान में कोई जगह बाक़ी न रहे।
(ज़रक़ानी जिल्द 1 सफ़्हा 59)

सवाल- क्या इब्लीस की तौबा कुबूल हो सकती है?
जवाब- हाँ अगर हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को सज्दा करले रिवायत में है कि एक दिन इब्लीस हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के पास आकर कहने लगा कि हुजूर में बहुत बड़ा गुनाहगार हूँ  अल्लाह तआला ने आपको कलीम बनाया है मैं चाहता हूँ कि खुदा की बारगाह में तौबा कर लूँ आप मेरे लिये खुदा की बारगाह में सिफ़ारिश करें ताकि अल्लाह तआला मेरी तौबा कुबूल फरमाले हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने दुआ की तो हक़ तआला की तरफ़ से आवाज़ आई ऐ मूसा इब्लीस की तौबा तुम्हारी सिफ़ारिश से कुबूल करूगाँ लेकिन शर्त यह है कि इब्लीस (हज़रत)आदम(अलैहिस्सलाम) की क़ब्र  को सज्दा कर ले इब्लीस ने सुन कर कहा जब (हज़रत)आदम(अलैहिस्सलाम) की जिन्दगी में सज्दा न किया तो अब मरने के बाद क्या सज्दा करूँ,दुसरी रिवायत में है कि इब्लीस के एक लाख साल तक दोज़ख में जलने के बाद अल्लाह तआला उसको दोज़ख से निकालेगा और मैदाने क़यामत में हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के सामने खड़ा करेगा और उससे कहा जाऐगा कि हज़रत आदम(अलैहिस्सलाम) को सज्दा करले तेरी ख़ता माफ़ है तब भी वह सज्दा करने से इन्कार करेगा फिर अल्लाह तआला उसको हमेशा हमेशा के लिये दोज़ख में डाल देगा।
(तफ़सीर अज़ीज़ी सूरऐ बक़र सफ़्हा 158/रूहुल बयान जिल्द 1 सफ़्हा 72)

सवाल- क्या शयातीन अब भी आसमान पर जाते हैं?
जवाब- नहीं पहले शयातीन आसमानों में दाख़िल हो जाते थे और वहाँ की ख़बरें नजूमियों काहिनों के पास पहुँचाते थे जब हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम पैदा हुऐ तो तीन आसमानों पर जाने से रोक दिया गया फिर जब हुजूरे अनवर सल्ललाहो तआला अलैह वसल्लम की पैदाइश हुई तो सारे आसमानों पर जाने से रोक दिये गये।
(मवाहिब लदुन्निया जिल्द 1 सफ़्हा 398)

सवाल- क्या शयातीन आपस में शादी बयाह करते हैं?
जवाब- हाँ शादी बियाह करते हैं और उनमें औलाद पैदा होने और नस्ल बढ़ने का सिलसिला भी जारी है।
(ख़ाज़िन जिल्द 4 सफ़्हा 176/उम्दतुल क़ारी जिल्द 7 सफ़्हा 271)

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