*_﷽-الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ_* *______________________________________* 《[इस्लामी हैरत अंगेज़ मालूमात पोस्ट(52)]》 *______________________________________* *《हजरत आदम अलैहिस्सलाम का बयान पोस्ट(12)》* *______________________________________*

सवाल- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम मर्जुल में कितने दिन मुब्तला रहे?
*जवाब- आपने ग्यारह दिन मर्जुल वफ़ात में मुब्तला रहकर आलमे विसाल की तरफ कूच फरमाया।*
(अलकामिल फ़ी तारीख़ जिल्द1सफ़्हा30)

सवाल- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के इंतिकाल के वक़्त इंसानों की तादाद कितनी थी?
*जवाब- आपने जब इस दारे दुनिया से कूच फरमाकर जवारे रहमत इलाही में नुजूल किया तो उस वक़्त आपकी औलाद की तादाद एक लाख थी और एक रिवायत के मुताबिक उस वक़्त आपकी औलाद की तादाद चालीस हज़ार थी और एक रिवायत के मुताबिक आपके विसाल हक़ के वक़्त औलाद की तादाद सात लाख तक पहुँच चकी थी।*
(तफ़्सीर नईमी जिल्द4सफ़्हा416व340/मआरिजनबुव्वत जिल्द1सफ़्हा61)

सवाल- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को गुस्ल किसने दिया?
*जवाब- हज़रत जिब्राईल अलैहिस्सलाम जन्नत से बहिश्ती बेरी के कुछ पत्ते और मुकरक्कब खुश्बू अपने साथ लाए और खुद हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को गुस्ल दिया।*
(तफ़्सीर नईमी जिल्द1सफ़्हा332)

सवाल- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की तज़हीज़ व तकफ़ीन किसने की और कफ़न कहाँ का था और कितने कपड़ो का था?
*जवाब- आपकी तज़हीज़ व तक़फीन जिब्राईल अलैहिस्सलाम ने की और कफ़न जन्नत के हल्ले का था जो हजरत जिब्राईल अलैहिस्सलाम ही लेकर आए थे आपका कफ़न तीन कपड़ो का था।*
(तफ़्सीर नईमी जिल्द1सफ़्हा44/हाशिया जलालैन1/13)

सवाल- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की नमाज़े जनाज़ा किस जगह और किसने पढ़ाई और पढ़ाई जाने वाली तकबीरों की तादाद कितनी थी?
*जवाब- तज़हीज़ व तकफ़ीन के बाद आपकी लाश मुबारक को फ़रिश्ते खाना-ए-काबा लाए एक रिवायत में यह भी वारिद है आपकी लाश मुबारक को आपकी औलाद में से सो डेढ़ सौ आदमी काबा में लाए और हज़रत जिब्राईल अलैहिस्सल्लाम की इमामत में मलाइका ने नमाज़ अदा की नमाज़ में पढ़ी जाने वाली तकबीरों की तादाद चार थी और एक रिवायत के मुताबिक नमाज हज़रत शीस अलैहिस्सलाम ने पढ़ाई और पढ़ी जाने वाली तकबीरों की तादाद तीस थी पाँच तकबीरे नमाज की और पच्चीस तकबीरें आपके नाज़ व एज़ाज़ में पढ़ी गयीं और एक कौल तीन तकबीरों का भी है।*
(तफ़्सीर नईमी जिल्द1सफ़्हा332/अलबिदाया वन्निहाया सफ़्हा98/अल कामिल फ़ी तारीख जिल्द1सफ़्हा22/मआरिजनबुव्वत जिल्द1सफ़्हा63)
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*हदीसे पाक में है कि इल्म फैलाने वाले के बराबर कोई आदमी सदक़ा नहीं कर सकता।*
(क़ुर्बे मुस्तफा,सफ़्हा100)
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