सवाल- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की ज़बान कौनसी थी?
*जवाब- आपकी ज़बान खुल्दे बरीं में अरबी थी जब बहिश्त से मुसीबतगाह दुनिया में तशरीफ लाए तो अरबी ज़बान सलब करली गई या भुला दी गई तोबा की कुबूलियत से पहले आप सुरयानी ज़बान में बातचीत फरमाया करते थे तोबा कुबूल होने के बाद फिर अरबी ज़बान जन्नत निशान अता हुई।*
(तफ़्सीर नईमी जिल्द1सफ़्हा349/मलफूजात ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया रहमतुल्लाह अलैहि सफ़्हा8)
सवाल- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम जब जन्नत में मुक़ीम थे उस वक़्त आपकी दाढ़ी कितनी लंबी थी और रंग कैसा था?
*जवाब- आप जब फ़िरदौसे बरीं में रहते थे उस वक़्त आपकी दाढ़ी मुबारक की लंबाई नाफ़ तक थी और वह बिल्कुल स्याह थी।*
(अलबिदाया वन्निहाया जिल्द1सफ़्हा97)
सवाल- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम जन्नत से दुनिया में तशरीफ लाए तो आपके जिस्म पाक के रंग में क्या तब्दीली हुई?
*जवाब- आप जब जन्नत से दुनिया में तशरीफ लाए तब आपके जिस्म मुबारक का रंग स्याह हो गया तोबा कुबूल होने के बाद आपको हुक्मे हुआ कि चाँद की तेरहवीं चौदहवीं और पंद्रहवीं का रोजा रखें चुनाँचे आपने ये रोज़े रखे और दिन तने रश्क चमन का तिहाई हिस्सा असल रंग पर आता रहा और पंद्रहवी तारीख को तमाम जिस्म पाक अपने असल रंग पर आ गया।*
(तफ़्सीर नईमी जिल्द1सफ़्हा339/मलफूजात ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया रहमतुल्लाह अलैहि सफ़्हा8)
सवाल- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने अपनी उम्र में से किसको उम्र अता फरमाई और कितनी?
*जवाब- आपने अपनी उम्र में से चालीस साल हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम को अता कर दिए और फिर भूल गए इस वजह से बनी नौ इंसान में सहु व निसयान की बीमारी पैदा हो गई"इसका तफ़्सीली वाक़िआ यूँ है"कि जब परवरदिगार आलम ने हजरत आदम अलैहिस्सलाम की पुश्त मुबारक से तमाम जुर्रियत आदमी की रुहें निकाली और अपनी रबूबियत व लिल्लाहियत का इक़रार लिया बनी आदम के इस इज्तिमा में हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने एक को खूब तर व ताजा और नुरानी देखकर पुछा खुदाया इनका नाम क्या है अल्लाह तआला ने जवाब दिया दाऊद है अर्ज की अल्लाह इनकी उम्र क्या है फरमाया साठ साल अर्ज की खुदाया इनकी उम्र और बढ़ा दे फरमाया नहीं हाँ अगर तुम अपनी उम्र से कुछ देना चाहो तो दे सकते हो अर्ज की बंदा नवाज़ मेरी उम्र कितनी है फरमाया एक हज़ार साल अर्ज की खुदावंद मेरी उम्र से चालीस साल दे दिए जाएं लिहाज़ा दे दिए गए और इस लेन-देन को लिख लिया गया जब आपकी उम्र शरीफ नौ सौ साठ साल हुई तो मलकुल मौत रूह क़ब्ज़ करने की ग़र्ज़ से हाजिर हुए तो हज़रत आदम अलैहिस्सलाम गोया हुए ए मेरे अल्लाह मेरी उम्र में से अभी तो चालीस साल बाकी है फरमाया वह तुम तो अपने बेटे दाऊद को दे चुके हो फिर जिसमें वह लेन देन लिखा हुआ था आपको दिखाया गया।*
(इब्ने कसीर पारा3रूकु7/मआरिजनबुव्वत जिल्द1सफ़्हा55)
*______________________________________*
*हदीसे पाक में है कि इल्म फैलाने वाले के बराबर कोई आदमी सदक़ा नहीं कर सकता।*
(क़ुर्बे मुस्तफा,सफ़्हा100)
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*जवाब- आपकी ज़बान खुल्दे बरीं में अरबी थी जब बहिश्त से मुसीबतगाह दुनिया में तशरीफ लाए तो अरबी ज़बान सलब करली गई या भुला दी गई तोबा की कुबूलियत से पहले आप सुरयानी ज़बान में बातचीत फरमाया करते थे तोबा कुबूल होने के बाद फिर अरबी ज़बान जन्नत निशान अता हुई।*
(तफ़्सीर नईमी जिल्द1सफ़्हा349/मलफूजात ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया रहमतुल्लाह अलैहि सफ़्हा8)
सवाल- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम जब जन्नत में मुक़ीम थे उस वक़्त आपकी दाढ़ी कितनी लंबी थी और रंग कैसा था?
*जवाब- आप जब फ़िरदौसे बरीं में रहते थे उस वक़्त आपकी दाढ़ी मुबारक की लंबाई नाफ़ तक थी और वह बिल्कुल स्याह थी।*
(अलबिदाया वन्निहाया जिल्द1सफ़्हा97)
सवाल- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम जन्नत से दुनिया में तशरीफ लाए तो आपके जिस्म पाक के रंग में क्या तब्दीली हुई?
*जवाब- आप जब जन्नत से दुनिया में तशरीफ लाए तब आपके जिस्म मुबारक का रंग स्याह हो गया तोबा कुबूल होने के बाद आपको हुक्मे हुआ कि चाँद की तेरहवीं चौदहवीं और पंद्रहवीं का रोजा रखें चुनाँचे आपने ये रोज़े रखे और दिन तने रश्क चमन का तिहाई हिस्सा असल रंग पर आता रहा और पंद्रहवी तारीख को तमाम जिस्म पाक अपने असल रंग पर आ गया।*
(तफ़्सीर नईमी जिल्द1सफ़्हा339/मलफूजात ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया रहमतुल्लाह अलैहि सफ़्हा8)
सवाल- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने अपनी उम्र में से किसको उम्र अता फरमाई और कितनी?
*जवाब- आपने अपनी उम्र में से चालीस साल हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम को अता कर दिए और फिर भूल गए इस वजह से बनी नौ इंसान में सहु व निसयान की बीमारी पैदा हो गई"इसका तफ़्सीली वाक़िआ यूँ है"कि जब परवरदिगार आलम ने हजरत आदम अलैहिस्सलाम की पुश्त मुबारक से तमाम जुर्रियत आदमी की रुहें निकाली और अपनी रबूबियत व लिल्लाहियत का इक़रार लिया बनी आदम के इस इज्तिमा में हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने एक को खूब तर व ताजा और नुरानी देखकर पुछा खुदाया इनका नाम क्या है अल्लाह तआला ने जवाब दिया दाऊद है अर्ज की अल्लाह इनकी उम्र क्या है फरमाया साठ साल अर्ज की खुदाया इनकी उम्र और बढ़ा दे फरमाया नहीं हाँ अगर तुम अपनी उम्र से कुछ देना चाहो तो दे सकते हो अर्ज की बंदा नवाज़ मेरी उम्र कितनी है फरमाया एक हज़ार साल अर्ज की खुदावंद मेरी उम्र से चालीस साल दे दिए जाएं लिहाज़ा दे दिए गए और इस लेन-देन को लिख लिया गया जब आपकी उम्र शरीफ नौ सौ साठ साल हुई तो मलकुल मौत रूह क़ब्ज़ करने की ग़र्ज़ से हाजिर हुए तो हज़रत आदम अलैहिस्सलाम गोया हुए ए मेरे अल्लाह मेरी उम्र में से अभी तो चालीस साल बाकी है फरमाया वह तुम तो अपने बेटे दाऊद को दे चुके हो फिर जिसमें वह लेन देन लिखा हुआ था आपको दिखाया गया।*
(इब्ने कसीर पारा3रूकु7/मआरिजनबुव्वत जिल्द1सफ़्हा55)
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*हदीसे पाक में है कि इल्म फैलाने वाले के बराबर कोई आदमी सदक़ा नहीं कर सकता।*
(क़ुर्बे मुस्तफा,सफ़्हा100)
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