*मोअजज़ा ए हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम* *पोस्ट नंबर 1⃣2⃣*


*💫इशारा से बुतों का गिर जाना💫*

⚜ये हर कोई जानता है की फ़तहे मक्का से पहले काबा शरीफ में 360 बुतों की पूजा होती थी ! फ़तह मक्का के दिन हुज़ूर ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम काबा में तशरीफ़ ले गए ! उस वक़्त दस्ते मुबारक में एक छड़ी थी और आप ज़बाने अक़दस से ये आयत तिलावत फ़रमा रहे थे !
*💎जा-अल-हक़्कु व ज़-ह-क़ल बातिल। इन्नल बातीला काना ह्हूका।*
तर्जुमा--:: हक़ आ गया और बातिल मिट गया ! यकीनन बातिल मिटने के ही क़ाबिल था !

❄आप अपनी छड़ी से जिस बूत की तरफ इशारा फरमाते थे वो बगैर छुए हुए फ़क़त इशारा करते ही धम से ज़मीन पर आ गिरता !
*📚(मदाजिजुन्नुबुव्वा, जिल्द 2, सफ़ा 290)*
❄💫❄💫❄💫❄💫❄

🖋आला हज़रत फरमाते है~

*तेरी आमद थी के बैतुल्लाह मुजरे को झुका,*
*तेरी हैबत थी के हर बूत थरथरा के गिर गया !*
*➡जारी•••*

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