*🌨☁बादल कट गया☁🌨*
🔮हज़रत अनस बिन मालिक रदियल्लाहु अन्हु का बयान है की अरब में निहायत ही सख्त क़िस्म का कहत पड़ा हुआ था ! उस वक़्त जबकि आप ख़ुत्बा के लिए मिम्बर पर चढ़े तो अअराबी ने खड़े हो कर फरयाद की ! या रसुलुल्लाह! बारिश न होने से जानवर और बच्चे भूख से तबाह हो रहे है ! लिहाजा आप दुआ फरमाइए ! उस वक़्त आसमान में कहीँ बदली का नामो निशान नही था ! मगर जूं ही हुज़ूर ने दुआ के लिए अपने दस्ते मुबारक उठाये, हर तरफ से पहाड़ों की तरह बादल आ कर छा गए ! और अभी आप मिम्बर से उतरे भी न थे की बारिश के कतरात आपकी नूरानी दाढी टपकने लगे ! और 8 दिन तक मूसलाधार बारिश होती रही !
⚜यहाँ तक की दूसरे जुमा को जब आप मिम्बर पर ख़ुत्बे के लिए रोनक अफ़रोज़ हुए तो वही अराबी या कोई दूसरा खड़े ही गया ! और बलन्द आवाज़ से फरयाद करने लगा की या रसूलुल्लाह! मकानात मुन्हदिम हो गए माल मवेशी ग़र्क़ हो गए ! लिहाज़ा दुआ करें की बारिश बन्द हो जाये ! और फिर आपने अपना मुक़द्दश हाथ उठा दिया !
🔹और ये दुआ फ़रमाई कि *"अल्लाहुम्मा हवा लैना ला-अलैना"* ऐ अल्लाह! हमारे इर्द गिर्द बारिश हो, और हम पर न हो ! फिर आपने बदली की तरफ अपने दस्ते मुबारक से इशारा फरमाया तो मदीना के इर्द गिर्द से बादल कट कर छंट गया ! और मदीना और उसके इतराफ़ में बारिश बन्द हो गयी !
*📚(बुखारी जिल्द 1, सफा 127, बाबुल इस्तिक़ा फ़िल जुमा)*
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🖋आला हज़रत फरमाते है~
*साहिब ए रूज़अते शम्सों शक़्क़ुल क़मर*
*नाइबे दस्ते रुज़अते कुदरत पे लाखों सलाम*
*अर्श ता फ़र्श है जिसके ज़ेरे नगीं*
*उसकी क़ाहिर रियासत पे लाखों सलाम*
*➡जारी•••*
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