*सवाल👉🏻 आम तौर पर लोग अपनी बोलचाल में कहते हैं "ऊपर वाले कि मर्ज़ी", या "ऊपर वाला जाने" तो शरअन कैसा है?*

जवाब👉🏻 अल्लाह तआला की जात के लिए ऊपर वाला बोलना कुफ्र है क्यूंकी इस लफ्ज़ से उस के लिए सिमतों का सुबूत होता है और उस की जात सिमतों से पाक है। लेकिन अगर कोई शख्स यह जुमला बुलन्दी व बरतरी के मायनों में इस्तेमाल करता है तो हुक़्म ए कुफ्र ना करेंगे। मगर इस क़ौल को बुरा ही कहेंगे और क़ायल को इससे रोकेंगे।

📚 *(बहार ए शरीयत, जिल्द 1, सफा 169)*
📚 *(फतावा फैज़ुररसूल, जिल्द 1, सफा 2131)*

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