*इब्लीस* - पहले आसमान पर इब्लीस का नाम आबिद दूसरे पर ज़ाहिद तीसरे पर आरिफ चौथे पर वली पांचवे पर तक़ी छठे पर खाज़िन सातवे पर अज़ाज़ील और लौहे महफूज़ में इब्लीस था,ये 40000 साल तक जन्नत का खज़ांची रहा,14000 साल तक अर्शे आज़म का तवाफ करता रहा,80000 साल तक फरिश्तो के साथ रहा जिसमे से 20000 साल तक फरिश्तो का वाज़ो नसीहत करता रहा और 30000 साल कर्रोबीन फरिश्तो का सरदार रहा और 1000 साल रूहानीन फरिश्तो का सरदार रहा,इब्लीस ने 50000 साल तक अल्लाह की इबादत की यहां तक कि अगर उसके सजदों को जमीन पर बिछाया जाए तो तो एक बालिश्त जगह भी खाली ना बचे,मुअल्लमुल मलाकूत होने और लाखों बरस इबादत करने के बावजूद सिर्फ एक सज्दा हज़रते आदम अलैहिस्सलाम को ना करने की बिना पर उसको रांदये बरगाह कर दिया गया सोचिये कि जब लाखों बरस इबादत करने वाला हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की तौहीन करने की बनिस्बत लाअनती हो गया तो जो लोग नबियों के सरदार हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम की तौहीन कर रहे हैं उनका क्या होगा,हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को उसके एक सजदा ना करने में 4 कुफ्र थे मुलाहज़ा फरमाये
1. उसने कहा कि तूने मुझे आग से बनाया और इसको मिटटी से मैं इससे बेहतर हूं,इसमें मलऊन का मक़सद ये था कि तू बेहतर को अदना के आगे झुकने का हुक्म दे रहा है जो कि ज़ुल्म है,और उसने ये ज़ुल्म की निस्बत खुदा की तरफ की जो कि कुफ्र है
2. एक नबी को हिकारत से देखा,और नबी को बनज़रे हिक़ारत देखना कुफ्र है
3. नस के होते हुए भी अपना फलसफा झाड़ा,मतलब ये कि जब हुक्मे खुदा हो गया कि सज्दा कर तो उस पर अपना क़ौल लाना कि मैं आग से हूं ये मिटटी से है ये भी कुफ्र है
4. इज्माअ की मुखालिफत की,यानि जब सारे के सारे फरिश्ते झुक गए तो इसको भी झुक जाना चाहिए था चाहे बात समझ में आये या नहीं क्योंकि इज्माअ की मुखालिफत भी कुफ्र है
📚 तफसीरे सावी,जिल्द 1,सफह 22
📚 तफसीरे जमल,जिल्द 1,सफह 50
📚 ज़रकानी,जिल्द 1,सफह 59
📚 नुज़हतुल मजालिस,जिल्द 2,सफह 34
*नमरूद* - अब तक 4 ऐसे बादशाह गुज़रे हैं जिन्होंने पूरी दुनिया पर हुक़ूमत की है 2 मोमिन हज़रत सिकंदर ज़ुलक़रनैन और हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम और 2 काफ़िर नमरूद और बख्ते नस्र,और अनक़रीब पांचवे बादशाह हज़रत इमाम मेंहदी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु होंगे जो पूरी दुनिया पर हुक़ूमत करेंगे,नमरूद ने 400 साल हुक़ूमत की,नमरूद के पास कुछ तिलिस्माती चीजें थी जिसकी बिना पर उसने खुदाई का दावा किया
1. तांबे का एक बुत था,जब भी कोई चोर या जासूस शहर में दाखिल होता तो उस बुत से आवाज़ आती जिससे वो पकड़ा जाता
2. एक नक़्क़ारा था,जब किसी की कोई चीज़ ग़ुम हो जाती तो उस पर चोब मारा जाता तो वो गुमशुदा चीज़ का पता बताती
3. एक आईना था,अगर कोई शख्स ग़ुम हो जाता तो उसमे नज़र आ जाता कि इस वक़्त कहां पर है
4. एक दरख़्त था,जिसके साए में लोग बैठते और उसका साया बढ़ता जाता यहां तक कि 1 लाख लोग बैठ जाते थे मगर जैसे ही 1 लाख से 1 भी ज़्यादा होता तो साया हट जाता और सब धूप में आ जाते
5. एक हौज़ था,जिससे मुकदमे का फैसला होता युं कि मुद्दई और मुद्दआ अलैह दोनों को उस हौज़ में उतारा जाता जो सच्चा होता उसके नाफ़ से नीचे पानी रहता और झूठा उसमे डुबकी खाता
📚 अलइतक़ान,जिल्द 2,सफह 178
📚 तफ़सीरे नईमी,जिल्द 1,सफह 677
*औज बिन अनक़* - औज इसका नाम था और अनक़ इसकी मां का नाम जो कि हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की बेटी थीं,ये हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की हयात में ही पैदा हुआ और हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के ज़माने तक रहा,इसकी उम्र 3600 साल हुई,इसका क़द 20300 गज़ था यानि तक़रीबन 60900 फिट लम्बा बादल इसके सर से लगता था,इसकी उंगलियों की लंबाई 9 फिट और चौड़ाई 6 फिट,तूफाने नूह का पानी ज़मीन के सबसे ऊंचे पहाड़ से भी 40 गज़ ऊपर था मगर वही पानी इसके घुटनो तक भी नहीं पहुंचा था,ये समंदर में हाथ डालकर मछलियां पकड़ता और उन्हें सूरज की गर्मी में सेंक कर खाता,जब अपने शहर वालों से खफा होता तो उनपर पेशाब कर देता जिससे वो डूब जाते थे,मूसा अलैहिस्सलाम ने इसको इस तरह क़त्ल किया कि आपके हाथ में जो असा था वो 10 हाथ लम्बा था खुद आपका क़द मुबारक भी 10 हाथ था और आपने 10 हाथ ऊपर उछल कर उसको असा मारा जो कि उसके टखनों में लगा और वो मर गया
📚 माअ़रेजुन नुबुव्वत,जिल्द 1,सफह 73
📚 क्या आप जानते हैं,सफह 80
1. उसने कहा कि तूने मुझे आग से बनाया और इसको मिटटी से मैं इससे बेहतर हूं,इसमें मलऊन का मक़सद ये था कि तू बेहतर को अदना के आगे झुकने का हुक्म दे रहा है जो कि ज़ुल्म है,और उसने ये ज़ुल्म की निस्बत खुदा की तरफ की जो कि कुफ्र है
2. एक नबी को हिकारत से देखा,और नबी को बनज़रे हिक़ारत देखना कुफ्र है
3. नस के होते हुए भी अपना फलसफा झाड़ा,मतलब ये कि जब हुक्मे खुदा हो गया कि सज्दा कर तो उस पर अपना क़ौल लाना कि मैं आग से हूं ये मिटटी से है ये भी कुफ्र है
4. इज्माअ की मुखालिफत की,यानि जब सारे के सारे फरिश्ते झुक गए तो इसको भी झुक जाना चाहिए था चाहे बात समझ में आये या नहीं क्योंकि इज्माअ की मुखालिफत भी कुफ्र है
📚 तफसीरे सावी,जिल्द 1,सफह 22
📚 तफसीरे जमल,जिल्द 1,सफह 50
📚 ज़रकानी,जिल्द 1,सफह 59
📚 नुज़हतुल मजालिस,जिल्द 2,सफह 34
*नमरूद* - अब तक 4 ऐसे बादशाह गुज़रे हैं जिन्होंने पूरी दुनिया पर हुक़ूमत की है 2 मोमिन हज़रत सिकंदर ज़ुलक़रनैन और हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम और 2 काफ़िर नमरूद और बख्ते नस्र,और अनक़रीब पांचवे बादशाह हज़रत इमाम मेंहदी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु होंगे जो पूरी दुनिया पर हुक़ूमत करेंगे,नमरूद ने 400 साल हुक़ूमत की,नमरूद के पास कुछ तिलिस्माती चीजें थी जिसकी बिना पर उसने खुदाई का दावा किया
1. तांबे का एक बुत था,जब भी कोई चोर या जासूस शहर में दाखिल होता तो उस बुत से आवाज़ आती जिससे वो पकड़ा जाता
2. एक नक़्क़ारा था,जब किसी की कोई चीज़ ग़ुम हो जाती तो उस पर चोब मारा जाता तो वो गुमशुदा चीज़ का पता बताती
3. एक आईना था,अगर कोई शख्स ग़ुम हो जाता तो उसमे नज़र आ जाता कि इस वक़्त कहां पर है
4. एक दरख़्त था,जिसके साए में लोग बैठते और उसका साया बढ़ता जाता यहां तक कि 1 लाख लोग बैठ जाते थे मगर जैसे ही 1 लाख से 1 भी ज़्यादा होता तो साया हट जाता और सब धूप में आ जाते
5. एक हौज़ था,जिससे मुकदमे का फैसला होता युं कि मुद्दई और मुद्दआ अलैह दोनों को उस हौज़ में उतारा जाता जो सच्चा होता उसके नाफ़ से नीचे पानी रहता और झूठा उसमे डुबकी खाता
📚 अलइतक़ान,जिल्द 2,सफह 178
📚 तफ़सीरे नईमी,जिल्द 1,सफह 677
*औज बिन अनक़* - औज इसका नाम था और अनक़ इसकी मां का नाम जो कि हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की बेटी थीं,ये हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की हयात में ही पैदा हुआ और हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के ज़माने तक रहा,इसकी उम्र 3600 साल हुई,इसका क़द 20300 गज़ था यानि तक़रीबन 60900 फिट लम्बा बादल इसके सर से लगता था,इसकी उंगलियों की लंबाई 9 फिट और चौड़ाई 6 फिट,तूफाने नूह का पानी ज़मीन के सबसे ऊंचे पहाड़ से भी 40 गज़ ऊपर था मगर वही पानी इसके घुटनो तक भी नहीं पहुंचा था,ये समंदर में हाथ डालकर मछलियां पकड़ता और उन्हें सूरज की गर्मी में सेंक कर खाता,जब अपने शहर वालों से खफा होता तो उनपर पेशाब कर देता जिससे वो डूब जाते थे,मूसा अलैहिस्सलाम ने इसको इस तरह क़त्ल किया कि आपके हाथ में जो असा था वो 10 हाथ लम्बा था खुद आपका क़द मुबारक भी 10 हाथ था और आपने 10 हाथ ऊपर उछल कर उसको असा मारा जो कि उसके टखनों में लगा और वो मर गया
📚 माअ़रेजुन नुबुव्वत,जिल्द 1,सफह 73
📚 क्या आप जानते हैं,सफह 80
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