*_सवाल ------ जब चारों इमाम में इख्तिलाफ है तो चारों हक़ पर कैसे हैं,_*

*_जवाब -------- पहले आप समझ लें कि  मसायल के 4 इमाम हैं,हज़रते इमामे आज़म हज़रते इमाम शाफयी,हज़रते इमाम मालिक और हज़रते इमाम अहमद बिन ह़म्बल,ये चारों ही अक़ायद पर मुत्तफिक़ हैं इख्तिलाफ है तो फुरु में,इस ज़माने में हक़ इन्हीं चारों में से किसी एक की पैरवी में है और जो इन से अलग हुआ वो गुमराह बे दीन है,_*

*_आपके सवाल का जवाब ये है कि चारों ही इख्तिलाफ के बावजूद हक़ पर कैसे हैं,इसके लिए ये ह़दीसे पाक पढ़ीये बनी क़ुरैज़ा पर जल्द पहुंचने की गर्ज़ से हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने अपने सहाबियों में ये ऐलान करवाया कि हम असर की नमाज़ बनी क़ुरैज़ा पहुँच कर पढ़ेंगे,सभी ह़ज़रात जुहर पढ़कर निकले और सफर करते रहे यहाँ तक कि असर का वक्त बहुत थोड़ा रह गया,तो कुछ सहाबा ऐ इकराम ने नमाज़ पढ़नी चाही तो कुछ नें मना किया कि हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का कहना है कि नमाज़ वहीं पहुँच कर पढ़ेंगे इसपर वो सहाबा कहने लगे कि हुज़ूर का कहना बिलकुल हक़ है मगर उनहोंने ये नहीं कहा कि अगर नमाज़ का वक्त निकल जाये तब भी मत पढ़ना तो वो सहाबा नमाज़ पढ़े और कुछ नहीं पढ़े जब हुज़ूर बनी क़ुरैज़ा पहुँच गए तो नमाज़े क़ज़ा पढ़ी गयी फिर हुज़ूर के सामने उन सहाबियों का तज़किरा हुआ तो आपने फरमाया की जिनहोंने पहले पढ़ ली उनको सवाब और जिनहोंने अब मेरे साथ पढ़ी उनको दो गुना सवाब,देखिये यहाँ नमाज़ अदा करने पर भी सवाब मिल रहा है और क़ज़ा करने पर भी सवाब मिल रहा है तो बस इसी तरह चारों इमाम मुजतहिद थे जिसने सही मस्अला अपने हिसाब से निकाला तो उसे दो गुना सवाब और जिसने मस्अला समझने में गलती की तो उस गलती पर भी एक गुना सवाब,कियोंकि मुजतहिद की खता माफ है,_*

*_और ये इख्तिलाफ उम्मत के लिए रह़मत इस तरह है कि किसी को दीन की किसी बात पर अमल करने का मौक़ा मिल रहा है किसी को किसी दूसरी बात पर कियोंकि शरीयत एक चमन है और चमन हर तरह के फूलों से बनता है कहीं गुलाब तो कहीं चमेली कहीं कहीं जूही तो कहीं नरगिस,और अवाम को इख्तिलाफ में पडने को इसलिए मना किया जाता है कि वो इल्म तो रखते नहीं हैं तो वो किसी बात का इंकार कर बैठेंगे जो उनकी आखिरत खराब कर देगा,लिहाज़ा यही कहा जाता है कि अपने इमाम की पैरवी करो और इख्तिलाफ में ना पड़ो,_*

*📕बुखारी शरीफ जिल्द 1 किताबुल जिहाद*
*📕मुस्लिम शरीफ जिल्द 2 सफह 95*

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