*_कुछ लोग अकीके का गोश्त दादा दादी और नाना नानी के लिए खाने को नाजाइज़ ख्याल करते हैं यह बहुत बड़ी जहालत नादानी और गलतफहमी है। अकीके का गोश्त दादा दादी और नाना नानी के लिए खाना बिला शुबा जाइज़ है बल्कि जहाँ इस खाने को बुरा जानते हों वहाँ उनके लिए खाना ज़रूरी है। और वह खायेंगे तो रिवाज़ मिटाने का सवाब पायेंगे।_*
_आलाहजरत इमामे अहले सुन्नत मौलाना अहमद रजा खाँ साहब अलैहिर्रहमतु वर्रिदवान से इस बारे पूछा गया तो फ़रमाया:-सब खा सकते हैं, उकूदुददरिया में है :_
* احكامها احكام الا ضحية*
📗 *(अलमलफूज़ हिस्सा अव्वल सफ़ा 46)*
📚 *गलत फ़हमियाँ और उनकी इस्लाह सफहा,163*
_आलाहजरत इमामे अहले सुन्नत मौलाना अहमद रजा खाँ साहब अलैहिर्रहमतु वर्रिदवान से इस बारे पूछा गया तो फ़रमाया:-सब खा सकते हैं, उकूदुददरिया में है :_
* احكامها احكام الا ضحية*
📗 *(अलमलफूज़ हिस्सा अव्वल सफ़ा 46)*
📚 *गलत फ़हमियाँ और उनकी इस्लाह सफहा,163*
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