*_बाज़ रिवायात में है कि जब खाना खाओ तो नमक से शुरू करो और नमक पर ख़त्म करो यह सत्तर बीमारियों का एलाज है। कुछ हज़रात इस सुन्न्त की अदायेगी के लिए खाने से पहले और बाद में नमक चाटना ज़रूरी ख्याल करते हैं। हांलाकि इस सुन्नत की अदायेगी के लिए नमक चाटना जरूरी नहीं बल्कि नमकीन खाना पहले और बाद में खाया_*
_जाये तब भी यह सुन्नत अदा हो जायेगी क्योंकि खाने में भी नमक ज़रूर होता है और नमक जिसे अरबी में (मिल्ह) ملح कहते हैं इसके मअना नमकीन और खारी चीज़ के भी आते हैं कुरआन करीम में समन्दर के पानी के लिए फ़रमाया गया।_
*{هذا ملح اجاج} [ الفرقان 53]*
_यह खारी है निहायत तल्ख_
📖 *(कन्ज़ूल ईमान,सूरह फुरकान,आयत 53)*
*_मौलवी मुहम्मद हुसैन साहब मेरेठी रहमतुल्लाहि तआला अलैहि फ़रमाते हैं कि आला हज़रत के लिए सेहरी में फिरीनी और चटनी लाई गई, मैंने पूछा हुज़ूर चटनी फिरीनी का किया जोड़ | फरमाया नमक से खाना शुरू करना और नमक पर ही ख़त्म करना सुन्नत है इसलिए यह चटनी आई है।_*
📗 *(हयाते आला हज़रत, जि.1, स.151 ,मतबूआ बरकात रज़ा पूरबन्दर)*
_तो आला हज़रत के नज़दीक भी इस सुन्नत की अदायेगी के लिए नमकीन खाना पहले और बाद में खाना काफी है नमक चाटना ज़रूरी नहीं वरना वह चटनी के बजाये नमक मंगवाते अल्लामा आलम फकरी लिखते हैं,हज़रत इब्ने अब्बास रदियल्लाहु तआला अन्हुमा से मरवी है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि तीन लुकमे नमकीन खाने से पहले और तीन लुक्मे खाने के बाद बनी आदम को बहत्तर बलाओ से महफूज रखते हैं।_
📗 *(आदाब सुन्नत 94)*
*_खुलासा यह कि जब दसतर ख्वान पर नमकीन मीठा सब तरह का खाना मौजूद हो तो सुन्नत है नम्कीन खाये फिर मीठा और बाद में फिर नम्कीन और इस सुन्नत की अदायेगी के लिए यही काफी है दसतर ख्वान पर नमक रखने या उसको मंगा कर चाटने की ज़रूरत नही।_*
📚 *गलत फ़हमियाँ और उनकी इस्लाह सफहा,193*
_जाये तब भी यह सुन्नत अदा हो जायेगी क्योंकि खाने में भी नमक ज़रूर होता है और नमक जिसे अरबी में (मिल्ह) ملح कहते हैं इसके मअना नमकीन और खारी चीज़ के भी आते हैं कुरआन करीम में समन्दर के पानी के लिए फ़रमाया गया।_
*{هذا ملح اجاج} [ الفرقان 53]*
_यह खारी है निहायत तल्ख_
📖 *(कन्ज़ूल ईमान,सूरह फुरकान,आयत 53)*
*_मौलवी मुहम्मद हुसैन साहब मेरेठी रहमतुल्लाहि तआला अलैहि फ़रमाते हैं कि आला हज़रत के लिए सेहरी में फिरीनी और चटनी लाई गई, मैंने पूछा हुज़ूर चटनी फिरीनी का किया जोड़ | फरमाया नमक से खाना शुरू करना और नमक पर ही ख़त्म करना सुन्नत है इसलिए यह चटनी आई है।_*
📗 *(हयाते आला हज़रत, जि.1, स.151 ,मतबूआ बरकात रज़ा पूरबन्दर)*
_तो आला हज़रत के नज़दीक भी इस सुन्नत की अदायेगी के लिए नमकीन खाना पहले और बाद में खाना काफी है नमक चाटना ज़रूरी नहीं वरना वह चटनी के बजाये नमक मंगवाते अल्लामा आलम फकरी लिखते हैं,हज़रत इब्ने अब्बास रदियल्लाहु तआला अन्हुमा से मरवी है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि तीन लुकमे नमकीन खाने से पहले और तीन लुक्मे खाने के बाद बनी आदम को बहत्तर बलाओ से महफूज रखते हैं।_
📗 *(आदाब सुन्नत 94)*
*_खुलासा यह कि जब दसतर ख्वान पर नमकीन मीठा सब तरह का खाना मौजूद हो तो सुन्नत है नम्कीन खाये फिर मीठा और बाद में फिर नम्कीन और इस सुन्नत की अदायेगी के लिए यही काफी है दसतर ख्वान पर नमक रखने या उसको मंगा कर चाटने की ज़रूरत नही।_*
📚 *गलत फ़हमियाँ और उनकी इस्लाह सफहा,193*
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