*【POST 180】क्या हज़रत फातमा रदियल्लाहु तआला अन्हा की रूह मलकुलमौत ने नहीं क़ब्ज़ की*

*_कुछ लोग कहते हैं कि ख़ातूने जन्नत हज़रत सय्यदा फ़ातमा ज़हरा रदियल्लाहु तआला अन्हुमा की रूहे मुबारक अल्लाह तआला ने बज़ाते खुद कब्ज़ फ़रमाई मलकुलमौत ने आप की रूह कब्ज़ नहीं की यह बात शायद इसलिए कही जाती है कि हज़रत सय्यदा फातमा रदियल्लाहु तआला अन्हा बहुत बा हया और पर्दे वाली थीं तो मालूम होना चाहिए कि फिरिशते बे नफ्स बे गुनाह और मासूम हैं उन से पर्दा नहीं फिरिश्ते तो उनके घर में उनकी खिदमत के लिए आते रहते थे हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के काशाना-ए-नबूवत में बे शुमार फिरिश्ते ख़ास कर हज़रत जिब्राईल अलैहिस्सलाम अकसर आते जाते रहते थे_*

_कभी हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने किसी अपनी ज़ोजए मोहतरमा से नहीं फरमाया कि यह फलाँ फिरिश्ता इस वक़्त मेरे पास है तुम उस से पर्दा करो एक मर्तबा हुज़ूर पाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की पहली रफ़ीकाए मोहतरमा सय्यदा ख़दीजातुल कुबरा रदियल्लाहु तआला अन्हा सय्यदा फातमा की वालिदा मोहतरमा भी हैं_

*_वह हाज़िरे ख़िदमत थीं हजरत जिब्राईल अमीन हाज़िर हुये तो हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने सय्यदा ख़दीजातुल कुबरा से यह तो फ़रमाया यह जिब्राईल (अलैहिस्सलाम) मेरे पास हैं यह तुम्हें अल्लाह तआला का सलाम पहुँचाने आये हैं, लेकिन यह न फ़रमाया कि तुम उन से पर्दा करो। यह सब बातें अहादीस की किताबों में आसानी से देखी जा सकती हैं और इल्म वालों से छुपी हुई नहीं हैं।_*

_खुलासा यह है कि यह बात बे सनद और रिवयतन सही नहीं कि हज़रत फातमा रदियल्लाहु तआला अन्हा की रूह अल्लाह तबारक व तआला ने बगैर मलकुल मौत खुद कब्ज़ फ़रमाई_

*मलकुलमौत फिरिश्ते के ज़रीये नहीं*
_हज़रत बहरुल उलूम से एक मर्तबा यह सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब में फ़रमाया तमाम इंसानों की रुह कब्ज़ करने वाले मलकुलमौत हैं कुरआन शरीफ में है।_

*قل يتوفاكم مالك الموت الذى و كل بكم ثم إلى ربكم ترجعون (السجده-١١)*

_*तर्जमा:-* तुम सब लोगों की रूह कब्ज करने के लिए मलकुलमौत मुकर्रर हैं।_

 📚 *(फतावा बहरुल उलूम 2/76)*
📚 *गलत फ़हमियाँ और उनकी इस्लाह सफहा,193 194 195*

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