आसमान का बयान

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सवाल- आसमान कितने हैं?
*जवाब- सात हैं।*
(कुराने मुकद्दस सूरऐ तलाक़)

सवाल- उनके ऊपर क्या हैं?
*जवाब- उनके ऊपर कुर्सी और कुर्सी के ऊपर अर्शे आज़म हैं।*
(ख़जाइन सफ़्हा 63)

सवाल- हर आसमान की मोटाई कितनी हैं?
*जवाब- पाँच सौ बरस की राह।*
(शरह शिफा जिल्द 1 सफ़्हा 132)

सवाल- क्या हर दो आसमान के बीच मैं फ़ासला हैं या एक दूसरे से आपस मैं मिले हुऐ हैं?
*जवाब- नहीं एक दूसरे से अलहदा हैं और हर एक के दरमीयान पाँच सौ बरस की दूरी हैं।*
(शरह शिफा जिल्द 1 सफ़्हा 132)

सवाल- आसमान की शक़्ल कैसी हैं?
*जवाब- नील गूँ कुब्बे (गुम्बद) की तरह।*
(इस्लाम और चाँद का सफ़र सफ़्हा 75)

सवाल- क्या आसमान मुतहरिंक (हिलने वाला) हैं?
*जवाब- नहीं आसमान व ज़मीन दौनों साकिन ठहरे हुए हैं उनमें से कोई भी मुतहरिंक हैं।*
(कुरान ए मुकद्दस)

सवाल- जमीन और आसमान के दरमीयान कितना फ़ासला हैं?
*जवाब- पाँच सौ बरस की दूरी का फ़ासला हैं।*
(उम्दतुल क़ारी जिल्द 2 सफ़्हा 200)

सवाल- क्या ज़मीन की तरह आसमान मैं भी रात होती हैं?
*जवाब- नहीं रात का आना ज़मीन वालों के साथ ख़ास हैं।*
(फ़तावा हदीसीया सफ़्हा 19)

सवाल- आसमान को किस चीज़ से बनाया गया?
*जवाब- बाज़ रिवायत मैं हैं कि आसमान को पैदा होने से पहले पानी मौजूद था और हवा ही हवा पानी से टकराई जिससे पानी मैं धुआँ ज़ाहिर हुआ और वह धुआँ ऊपर की तरफ़ उठा तो यही आसमान का माददा बना और इसी से सातों आसमान बनाऐ गये।*
(तफसीरे अज़ीज़ी सूरऐ बक़र सफ़्हा 136)

सवाल- क्या यह सातों आसमान नाम और बनावट के एतेबार से मुख़तलिफ़ हैं?
*जवाब- हाँ मुख़तलिफ़ हैं*
*पहले आसमान का नाम रक़ी हैं जो सब्ज ज़मुर्रद का है,*
*दूसरे का नाम अरक़लून हैं जो सफेद चाँदी का है,*
*तीसरे का नाम कैदूम हैं जो सुर्ख़ याकूत का है,*
*चौथे का नाम माऊन हैं जो सफेद मोतियों का है,*
*पाँचवे का नाम वबक़ा हैं जो सुर्ख सोने का है,*
*छटे का नाम वफ़्ना हैं जो ज़रद याकूत का है,*
*सातवें का नाम अरूबा हैं जो नूर से चमक रहा है।*
(रूहुल बयान जिल्द 1 सफ़्हा 62)

सवाल- बिजली क्या चीज़ हैं?
*जवाब- अल्लाह तआला ने बादलों के चलाने पर एक फ़रिश्ता मुक़र्रर फ़रमाया हैं जिसका नाम रअद हैं उसका क़द बहुत छोटा हैं और उसके हाथ मैं बहुत बड़ा कोड़ा हैं जब वह कोड़ा बादल को मारता हैं तो उसकी तर्री से आग झड़ती हैं उस आग का नाम बिजली हैं।*
(फ़तावा रिज़विया जिल्द 12 सफ़्हा 189)

सवाल- बादल कैसे बनता है?
*जवाब- बादल बुख़रात से बनते हैं जब रतूबत मैं हरारत अमल करती है भाप पैदा होती हैं अल्लाह तआला हवा को भेजता हैं कि वह उसको जमा करती हैं फिर तह-ब-तह उसके बादल बनाती है उसे ले जाती हैं और हुक्म मैं इलाही हरारत के अमल से वह पिघल कर पानी हो गिरती हैं।*
(फ़तावा रिज़विया जिल्द 12 सफ़्हा 193)

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