*POST NO..::-10*

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*_▶ तज़किरए इमाम अहमद रज़ा 💡_*
_*⤵ वफ़ाते हसरत आयात*_

     आला हज़रत अलैहिर्रहमा ने अपनी वफ़ात से 4 माह 22 दिन पहले खुद अपने विसाल की खबर दे कर पारह 29 सुरतुद्दहर की आयत 15 से साले इन्तिकाल का इस्तिखराज फरमा दिया था। इस आयत के इल्मे अब्जद के हिसाब से 1340 अदद बनते है और ये हिजरी साल के ऐतिबार से सने वफ़ात है। वो आयत ये है:-
*और उन चांदी के बर्तनों और कुंजो का दौर होगा।*

     25 सफरुल मुज़फ्फर 1340 ही. मुताबिक़ 28 अक्तूबर 1921 ई. को जुमुअतुल मुबारक के दिन हिन्दुस्तान के वक़्त के मुताबिक़ 2 बज कर 38 मिनट पर, जुमुआ के वक़्त हुवा।
 اِنَّ لِلّٰهِ وَاِنَّٓ اِلَيْهِ رَاجِعُوْنَ

आला हज़रत अलैरहमा ने दाईऐ अजल को लब्बैक कहा. आप का मज़ारे पुर अन्वार मदिनतुल मुर्शिद बरेली शरीफ में आज भी ज़ियारत गाहे खासो आम है।
*📚तज़किरए इमाम अहमद रज़ा, 20*

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