بسم الله الرحمن الرحيم
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
सवाल- रमज़ान शरीफ का रोज़ा किस सन् मे फ़र्ज़ हुआ?
जवाब- दस शव्वाल सन् 2 हिजरी में फ़र्ज़ हुआ।
(ख़ज़ाइन सफ़्हा 42)
सवाल - इस उम्मत पर सबसे पहले कौनसा रोज़ा फ़र्ज़ हुआ?
जवाब- यौमे आशूरा का रोज़ा फ़र्ज़ हुआ। फिर उसकी फ़रज़ियत अय्यामे बैज़ के रोज़े की फ़रज़ियत से मन्सूख़ हो गई। फिर जब रमज़ान का रोज़ा फ़र्ज़ हुआ तो उसकी फ़रज़ियत ने अय्यामे बैज़ के रोज़े की फ़रज़ियत को खत्म कर दिया।
(तफसीर अहमदी सफ़्हा 57)
सवाल- क्या पिछले अम्बियाए किराम भी रोज़े रखते थे?
जवाब- हाँ हर नबी का रोज़ा मुख़्तलिफ दिनों मै था।
(1)हजरत आदम अलैहिस्सलाम अय्यामे बैज़ का रोज़ा और हजरत मूसा अलैहिस्सलाम आशूरे का रोज़ा रखते थे । हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम हमेशा रोज़ा रखते थे।
(तफ़सीर अहमदी सफ़्हा 57/ख़ाज़िन जिल्द 4 सफ़्हा 230)
(2)हज़रत नूह अलैहिस्सलाम यौमे फ़ित्र ( ईद का दिन ) और यौमे अज़हा ( कुर्बानी के दिन रोज़ा रखते और एक दिन इफ़्तार करते थे ।
और हजरत इब्राहीम अलैहिस्सालाम हर महीने मे तीन दिन रोजा रखते थे
(अलबिदाया वन्निहाया जिल्द 1 सफ़्हा 118)
(3)हजरत जुलकिफ़्ल अलैहिस्सालाम तमाम दिन रोजा और पूरी रात इबादत करते थे।
(जुमल जिल्द 3 सफ़्हा 19)
(4)हज़रत सुलैमान अलैहिस्सलाम हर महीने के शुरू मे तीन दीन और बीच के तीन दीन और आख़िर में तीन दीन रोज़ा रखते थे। हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम हमेशा रोज़ा दार रहते थे।
(अलबिदाया वन्निहाया 2 सफ़्हा 19)
सवाल- रोज़े की कितनी किसमें है?
जवाब- रोज़े की आठ किसमें है।
(1)फ़र्ज़े मुअय्यन जैसे रमज़ान के अदा रोज़े,
(2)फ़र्ज़े गैर मुअय्यन जैसे रमज़ान के कज़ा रोज़े,
(3)वाजिब मुअय्यन जैसे नज़रे मुअय्यन के रोज़े,
(4)वाजिब गैर मुअय्यन जैसे नज़रे मुतलक के रोज़े,
(5)नफ़ले मसनून जैसे नवीं तारीख़ के साथ आशूरे का रोज़ा,
(6)नफ़्ले मुस्तहब जैसे बैज़ ओर अरफे के दिन का रोज़ा,
(7)मकरूह तन्ज़ीही जैसे हफ़्ते के दिन का रोज़ा या सौ मे दहर या सौ मे विसाल के रोज़ा रखकर इफ़्तार न करे फिर दूसरे दिन रखे
(8)मकरूह तहरीमी जैसे ईद और अय्यामे तशरीक़ के रोज़े।
(दुर्रे मुख़्तार व रददूल मोहतार जिल्द 2 सफ़्हा 85,86)
सवाल- तमाम नफ़ली रोज़ों में कौनसा रोज़ा सबसे बेहतर है?
जवाब- अरफ़े के दिन का रोज़ा।
(फ़तावा रिज़विया 8 पेज 442)
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
सवाल- रमज़ान शरीफ का रोज़ा किस सन् मे फ़र्ज़ हुआ?
जवाब- दस शव्वाल सन् 2 हिजरी में फ़र्ज़ हुआ।
(ख़ज़ाइन सफ़्हा 42)
सवाल - इस उम्मत पर सबसे पहले कौनसा रोज़ा फ़र्ज़ हुआ?
जवाब- यौमे आशूरा का रोज़ा फ़र्ज़ हुआ। फिर उसकी फ़रज़ियत अय्यामे बैज़ के रोज़े की फ़रज़ियत से मन्सूख़ हो गई। फिर जब रमज़ान का रोज़ा फ़र्ज़ हुआ तो उसकी फ़रज़ियत ने अय्यामे बैज़ के रोज़े की फ़रज़ियत को खत्म कर दिया।
(तफसीर अहमदी सफ़्हा 57)
सवाल- क्या पिछले अम्बियाए किराम भी रोज़े रखते थे?
जवाब- हाँ हर नबी का रोज़ा मुख़्तलिफ दिनों मै था।
(1)हजरत आदम अलैहिस्सलाम अय्यामे बैज़ का रोज़ा और हजरत मूसा अलैहिस्सलाम आशूरे का रोज़ा रखते थे । हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम हमेशा रोज़ा रखते थे।
(तफ़सीर अहमदी सफ़्हा 57/ख़ाज़िन जिल्द 4 सफ़्हा 230)
(2)हज़रत नूह अलैहिस्सलाम यौमे फ़ित्र ( ईद का दिन ) और यौमे अज़हा ( कुर्बानी के दिन रोज़ा रखते और एक दिन इफ़्तार करते थे ।
और हजरत इब्राहीम अलैहिस्सालाम हर महीने मे तीन दिन रोजा रखते थे
(अलबिदाया वन्निहाया जिल्द 1 सफ़्हा 118)
(3)हजरत जुलकिफ़्ल अलैहिस्सालाम तमाम दिन रोजा और पूरी रात इबादत करते थे।
(जुमल जिल्द 3 सफ़्हा 19)
(4)हज़रत सुलैमान अलैहिस्सलाम हर महीने के शुरू मे तीन दीन और बीच के तीन दीन और आख़िर में तीन दीन रोज़ा रखते थे। हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम हमेशा रोज़ा दार रहते थे।
(अलबिदाया वन्निहाया 2 सफ़्हा 19)
सवाल- रोज़े की कितनी किसमें है?
जवाब- रोज़े की आठ किसमें है।
(1)फ़र्ज़े मुअय्यन जैसे रमज़ान के अदा रोज़े,
(2)फ़र्ज़े गैर मुअय्यन जैसे रमज़ान के कज़ा रोज़े,
(3)वाजिब मुअय्यन जैसे नज़रे मुअय्यन के रोज़े,
(4)वाजिब गैर मुअय्यन जैसे नज़रे मुतलक के रोज़े,
(5)नफ़ले मसनून जैसे नवीं तारीख़ के साथ आशूरे का रोज़ा,
(6)नफ़्ले मुस्तहब जैसे बैज़ ओर अरफे के दिन का रोज़ा,
(7)मकरूह तन्ज़ीही जैसे हफ़्ते के दिन का रोज़ा या सौ मे दहर या सौ मे विसाल के रोज़ा रखकर इफ़्तार न करे फिर दूसरे दिन रखे
(8)मकरूह तहरीमी जैसे ईद और अय्यामे तशरीक़ के रोज़े।
(दुर्रे मुख़्तार व रददूल मोहतार जिल्द 2 सफ़्हा 85,86)
सवाल- तमाम नफ़ली रोज़ों में कौनसा रोज़ा सबसे बेहतर है?
जवाब- अरफ़े के दिन का रोज़ा।
(फ़तावा रिज़विया 8 पेज 442)
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