بسم الله الرحمن الرحيم
बिस्मिल्लाहहिर्रहमानिर्रिहीम
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
अस्सालातु वसल्लामु अलैहका या रसूलउल्लाह सल्ललाहो अलैह वसल्लम
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अक़ाइद का बयान पोस्ट(8)
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सवाल- मुहाल की कितनी किसमें हैं?
जवाब- मुहाल की तीन किसमें हैं, मुहाल अ़क़ली, मुहाल शरई,मुहाल आदि, मुहाल अ़क़ली कुदरत के अन्दर दाख़िल नहीं।
(अलमुअ्तक़द दुलमुन्तक़द सफ़्हा 29व30)
सवाल- क्या अल्लाह तआला की कुदरत सिर्फ़ मुमकिन चीज़ों से मुताल्लिक है?
जवाब- जी हाँ सिर्फ़ मुमकिन चीज़ो से मुताल्लिक है वाजिब और मुहाल चीज़ों से नही।
(सावी ज़िल्द 1 सफ़्हा 276)
सवाल- क्या अल्लाह तआला वाजिब और मुहाल चीज़ों का इरादा भी नहीं करता?
जवाब- नही, इरादें का तआललुक सिर्फ मुमकिन चीज़ों से हैं, वाजिब और मुहाल से नही।
(सावी जिल्द 1 सफ़्हा 14)
सवाल- जब अल्लाह तआला की क़ुदरत वाजिब और मुहाल से मुताल्लिक नही तो क्या अल्लाह तआला की कुदरत अधुरी है?
जवाब- नही, अधुरी तो जब हौती कि कौई चीज़ क़ुदरत के अन्दर दाख़िल होती और फिर न कर सके यहाँ ऐसा नही है क्योंकि वाजिब और मुहाल में तो क़ुदरत के ताल्लुक़ की बिलकुल सलाहियत ही नही लिहाजा कुदरत के अधुरा हीने का सवाल ही नही होता।
(फ़तवा रिज़विया जिल्द6 सफ़्हा215)
सवाल- क्या मुश्रिकों की बख़शिश हो सकती है?
जवाब- मुश्रिकों की बख़शिश अक़ल के एतेवार से मुमकिन है और शरीअत के लिहाज़ से मुहाल है।
(सुब्हानुस्सुबबूह सफ़्हा82)
सवाल- क्या काफ़िरो का जन्नत में दाख़िल होना मुमकिन है?
जवाब- जमहूर एहले सुन्नत के नजदीक शरीअत के एतेवार से मुहाल है और अक़ल के एतेवार से मुमकिन है।
(सुब्हानुस्सुबबूह सफ़्हा82)
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हदीसे पाक में है कि इल्म फैलाने वाले के बराबर कोई आदमी सदक़ा नहीं कर सकता।
(क़ुर्बे मुस्तफा,सफह 100)
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