Part 9


‎ بسم الله الرحمن الرحيم‎
बिस्मिल्लाहहिर्रहमानिर्रिहीम

الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ
अस्सालातु वसल्लामु अलैहका या रसूलउल्लाह सल्ललाहो अलैह वसल्लम
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अक़ाइद का बयान पोस्ट(9)
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सवाल- क्या अल्लाह तआला को दुनिया में ज़ाहिर आँख से देखना मुमकिन है?
जवाब- हाँ अकलन और शरअन दोनों एतेवार से मुमकिन है अलबत्ता हुज़ूर सल्लल्लाहो तआला अलैह वसल्लम के सिवा किसी और ने नही देखा सिर्फ हमारे प्यारे नबी ने मेराज की रात में अपनी ज़ाहिर आँख से अल्लाह का दीदार फ़रमाया।
(फ़तावा हदीसिया सफ़्हा108/मुनब्बिहुल मुनियह सफ़्हा6/अशिअ्तुल लमआत जिल्द4 सफ़्हा424)

सवाल- यह दीदार कितनी बार हुआ?
जवाब- सिर्फ दो बार हुआ,पहली बार सिदरतुल मुन्तहा पर और,दूसरी बार अर्शे आज़म पर।
(अशिअ्तुल लमआत जिल्द4 सफ़्हा429/मवाहिब लदुन्निया जिल्द2 सफ़्हा35)

सवाल- क्या आख़िरत(मरने के बाद)में मोमिन और काफ़िरो सब को अल्लाह तआला का दीदार होगा?
जवाब- हाँ हश्र के मैदान में सब को अल्लाह तआला का दीदार होगा लेकिन मोमिनो को रहमो करम की हालत में और काफ़िरो को गुस्सा और गज़ब की हालत में फिर उसके बाद काफ़िर हमेशा के लिए इस नेमत से महरूम कर दिए जाएगे ताकि अफ़सोस और ग़म ज्यादा हो।
(शरह फ़िक़्हे अकबर बहरूल उलूम सफ़्हा66/तकमीलुल ईमान सफ़्हा6/अशिअ्तुल लमआत जिल्द4 सफ़्हा425)

सवाल- क्या सारे मोमिन इस नेमत के मिलने में बराबर होंगे या अलग अगला?
जवाब- हर एक अपने अपने नामा ऐ आमाल के एतेवार से इस नेमत के पाने में अलग अलग होंगे आम मोमिनो को हर जुम्मे के दिन और ख़ास मोमिनो को हर सुबह व शाम दीदार होगा और उनसे भी ख़ास जो जन्नते अदन में रहेंगे हमेशा करीब होंगे और अल्लाह तआला के ख़ास जलवो की नेमत हासिल होगी।
(तासीर अजीजी पारा30 सफ़्हा100/तकमीलुल ईमान सफ़्हा5)
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हदीसे पाक में है कि इल्म फैलाने वाले के बराबर कोई आदमी सदक़ा नहीं कर सकता।
(क़ुर्बे मुस्तफा,सफह 100)

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