《महीनों और दिनों का बयान पोस्ट(2)》

सवाल- रजब के महीने का नाम रजब क्यों रखा गया?
*जवाब- माखूज है तरजीब से बमानी ताजीम करना क्योंकि इस महीने को अहले अरब शहरूल्लाह कहते थे और इसकी ताजीम करते थे इस बिना पर इस महीने का नाम रजब रखा गया।*
(ग़यासुल्लुग़ात सफ़्हा336)

सवाल- शाबान के महीने का नाम शाबान क्यों हुआ?
*जवाब- शाबान माख़ूज है शैबा या यशअबू से वमानी फूटना निकलना जाहिर होना क्योंकि इस महीने में खैर कसीर फूटती फैलती है और बन्दों का रिज्क तक्सीम होता है इस वजह से इस महीने का नाम शाबान हुआ।*
(ग़यासुल्लुग़ात सफ़्हा292)

सवाल- रमजान के महीने का नाम रमजान क्यों रखा गया?
*जवाब- रमजान या तो माख़ूज है रजम़ वमानी जलने से क्योंकि यह महीना गुनाहों को जला देता है या माख़ूज है रमज वमानी जमीन की गर्मी से पाँव का जलना क्योंकि यह महीना भी तकलीफ़े नफ्स और जलन का सव्ब है इस बिना पर इस महीने का नाम रमजान रखा गया।*
(ग़यासुल्लुग़ात सफ़्हा336)

सवाल- शव्वाल के महीने का नाम शव्वाल क्यों कहा जाने लगा?
*जवाब- शव्वाल माख़ूज है शूल बमानी बाहर निकलना क्योंकि इस महीने में अहले अरब सैर व सय्याहत के लिए घरों से बाहर निकल जाया करते थे इस वजह से इस महीने का नाम शव्वाल हुआ।*
(ग़यासुल्लुग़ात सफ़्हा300)

सवाल- जिलकादा महीने की वजह तस्मिया क्या है?
*जवाब- जिलकादा की वजह तस्मिया यह है कि जी बमाने वाला और कादा बमानी बैठ जाना क्योंकि इस महीने में लोग एहतिराम की वजह से लोग किताल व जिदाल बंद करके घरों में बैठ जाया करते थे।*
(ग़यासुल्लुग़ात सफ़्हा226)

सवाल- जिलहिज्जा महीने को जिलहिज्जा कहने की वजह क्या है?
*जवाब- जिलहिज्जा को जिलहिज्जा कहने की वजह यह है कि या तो यह माख़ूज हज बमानी हज करना या यह माख़ूज है हज बमानी साल क्योंकि इस महीने में लोग हज करते हैं और यह महीना साल का आखिरी महीना है इस वजह से इस को जिलहिज्जा कहते हैं।*
(ग़यासुल्लुग़ात सफ़्हा226)
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*हदीसे पाक में है कि इल्म फैलाने वाले के बराबर कोई आदमी सदक़ा नहीं कर सकता।*
(क़ुर्बे मुस्तफा,सफ़्हा100)

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