*मसलके आला हजरत क्या है, और ये क्यों जरूरी है ?* पोस्ट नम्बर-:: 3⃣


*इज़हार ए हक़ीक़त*

*मसलके आला हज़रत की सदाक़त व हैसियत*

✒आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा बरेलवी ने जब आंख खोलीं उस वक़्त आलमे इस्लाम ख़ास तौर से हिंदुस्तान के अंदर हर तरफ़ फ़ितनों का दौर दौरा था ! खुश अक़ीदा मुसलमानों को राहे रास्त पर लाने के नाम पर शिर्क व बिदअत की सनद दी जा रही थी ! अंग्रेज़ की गुलामी ओर उन्हें खुश करने के लिए मुसलमानों में तफरका पैदा किया ! रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलेही वसल्लम की शान ए अक़दस में गुस्ताखियां की गईं जिसके नतीजे में मुसलमान 2 फिरकों में बट गए !

🗡आला हजरत इमाम अहमद रज़ा बरेलवी ने इन अय्याराने ज़माना का दाग़दार व बदनुमा चेहरा बे निक़ाब किया ! चूंकि आला हजरत इमाम अहमद रज़ा खान की मसाई जमीला ओर कोशिशों से दीन व सुन्नत को फ़रोग़ मिला आईने सुन्नत को रिवाज़ दिया गया, ख़ास तौर से अहले सुन्नत व जमाअत, बदअक़ीदों और बद मज़हबों से मुमताज व नुमायां हो गए !

⚖इस लिए वक़्त के बड़े बड़े उलमा तशख्खूश व तफरीक़ के लिए *"मसलके आला हज़रत"* कहना शुरू किया ! मसलके आला हज़रत कहने से सहिउल अक़ीदा सुन्नी और बदअक़ीदा हन्फ़ी के दरम्यान तमीज़ पैदा हो गयी ! दूध का दूध, पानी का पानी हो गया ! लिहाज़ा मानना पड़ेगा कि मसलके आला हज़रत वही है जो दीन ए हक़ ओर सहाबा व ताबईन का मज़हब व मसलक है ! मसलके आला हजरत वही मसलक है जो हमारे असलाफ़ व अकबीरीन का मसलक है !

💯✅मसलके आला हजरत कोई नया जदीद मसलक नही बल्कि सुन्नत व जमाअत ही का दूसरा नाम आज *मसलके आला हज़रत* है !
*➡फैज़ान ए आला हजरत अभी ज़ारी है---*
*पढें जल्द अगली पोस्ट*
💫❄💫❄💫❄💫❄

No comments:

Post a Comment

Our Social Sites