*मसलके आला हजरत क्या है, और ये क्यों जरूरी है ?* पोस्ट नम्बर-:: 5⃣


*वाक़्यात पढें की आला हज़रत की ज़िंदगी किस तरह हमें दर्स देती है ! वाक़्यात पढ़ कर गौर करें कि मसलके आला हज़रत आख़िर क्यों कहा जाता है ?*

*👑आलाहज़रत की इल्मी फ़साहत*

🌟एक बार अलीगढ़ से एक शख़्श अपना बैग वगैरह लिए आया उसकी सुरत देख कर मेने कहा यह राफ़ज़ी है, दरयाफ्त किये तो मालूम हुआ कि वाक़ई राफ़ज़ी है ! कहा मैं अपने मकान को लखनऊ जाता था ! रास्ते मे सिर्फ ज़्यारत के लिए उतर पड़ा हूँ ! क्या आप अहले सुन्नत में ऐसे ही हैं जैसे हमारे यहाँ मुजतहेदिन, मैने इल्तिफ़ात न किया ग़रज़ की वो आदमी मुझे अपनी तरफ मुखातिब करता रहा ! और मैं दूसरी तरफ मुंह फेर लेता ! आखिर उठ कर चला गया उसके जाने जे बाद एक साहब शाकी हुए की वह इतनी दूर से मसाफ़त तय करके आया और आपने क़तई इल्तिफ़ात न फ़रमाया ! *मैंने उन्हें एक रिवायत बताई !*

*✨अमीरुल मोमिनीन हज़रत उमर फारुख का ज़माना ए ख़िलाफ़त ह*ै ! आप मस्जिद ए नबवीं से नमाज़ पढ़ कर तशरीफ़ ले जाते हैं ! एक मुसाफिर ने खाना मांगा आपने उसे अपने हमराह ले आये ! ख़ादिम बहुक़्मे अमीरुल मोमिनीन खाना हाज़िर करता है ! इत्तिफाकन खाते खाते उसकी ज़ुबान से बदमज़हबी फ़िक़रा निकल जाता है ! जिस पर हुज़ूर फ़ौरन उसके सामने से खाना उठवा लेते हैं और ख़ादिम को हुक़्म देते हैं कि इसे बाहर निकाल दे !

✔हमारे आइम्मा ने उन लोगों के साथ हमे यह तहज़ीब बताई है ! अब भला व क्या कह सकते थे खामोश हो गए !
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 *📚फैज़ान ए आला हजरत*

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