सुन्नी सहिउल अक़ीदा होने के बावजूद इमाम के अंदर इमामत की शरायत पाया जाना बेहद ज़रूरी है जो हस्बे ज़ैल हैं_*


*_! सूद खाने वाला_*

*_! बे उज़्र शरई रोज़ा ना रखने वाला_*

*_! जानबूझकर नमाज़ छोड़ने वाला_*

*_! झूठ बोलने वाला_*

*_! धोखा देने वाला_*

*_! फहश कलामी करने वाला_*

*_! नाच गाना देखने वाला_*

*_! नुजूमी यानि एस्ट्रोलाजर_*

*_! बदमज़हबो से मेल जोल रखने वाला_*

*_! दाढ़ी एक मुश्त तक ना रखने वाला_*

*_! सुन्नतों का अलल एलान इंकार करने वाला_*

*_! अपनी बीवी को बेपर्दा निकलने पर ना रोकने वाला_*

*_हरगिज़ हरगिज़ हरगिज़ इमाम नहीं बन सकता अगर ऐसे इमाम के पीछे नमाज़ पढ़ी तो नमाज़ वाजिबुल इयादा होगी यानि उस नमाज़ को दोबारा पढ़ना वाजिब होगा_*

*_📚 फतावा रज़वियह,जिल्द 3,सफह 151-158-257-204-208-217-255-269-266-201-215-219_*

*_3. इसके अलावा वो सहिउल क़िरात व मसाइले नमाज़ से अच्छी तरह वाक़िफ भी हो_*

*📚 फतावा रज़वियह,जिल्द 3,सफह 264*

*_4. अगर सुन्नी सहिउल अक़ीदा इमाम के अंदर ये तमाम खराबी मौजूद हो तो तन्हा नमाज़ पढ़ी जाये और अगर इमाम ये सारे गुनाह करता तो है मगर अवाम में मशहूर नहीं है यानि छिपकर ये गुनाह करता है तो उसके पीछे नमाज़ पढ़ लें जमात ना छोड़ें_*

*📚 फतावा रज़वियह,जिल्द 3,सफह 253*

*अगर ऐसा बा शरायत इमाम मिल जाये तब भी मुक़्तदी उसके पीछे नमाज़ पढ़ने मे नीचे दिये गये काम हर्गिज़ ना करे*

*_5. उल्टा कपड़ा व जानदार तस्वीर वाला कपड़ा पहनकर,कपड़े की आस्तीन या जीन्स मोड़कर,लोहा पीतल तांबा सोने की अंगूठी पहनकर या चांदी की 4.3 ग्राम से ज्यादा की 1 अंगूठी या चांदी की 2 अंगूठी पहनकर,ब्रेसलेट कड़ा चैन या चैनदार घड़ी पहनकर नमाज़ पढ़ना मकरुहे तहरीमी है यानि वाजिबुल इयादा है_*

*📚 फतावा रज़वियह,जिल्द 3,सफ़ह 438-48*

No comments:

Post a Comment

Our Social Sites