*_कुछ लोग धोबी के यहाँ खाना खाने को बुरा जानते हैं, यह।बहुत बुरी बात है। धोबी हो या कोई मुसलमान उसके यहाँ खाना खाने में कोई हर्ज नहीं और बिला शुबह जाइज़ है। जो लोग धोबियों के यहाँ खाने को बुरा जानते हैं और उनके यहाँ के खाने को नापाक बताते हैं, वो निरे जाहिल हैं।_*
*आलाहज़रत अलैहिर्रहमह फरमाते है:-*
_धोबी के यहाँ खाना खाने में कुछ हर्ज नहीं, यह जो जाहिलों में मशहूर है कि धोबी के यहाँ का खाना नापाक है, महज़ बातिल (झूठ) है_
📚 *अलमलफूज़ ,हिस्सा अव्वल,सफ़हा 13*
📚 *गलत फ़हमियाँ और उनकी इस्लाह सफहा,169 170*
*आलाहज़रत अलैहिर्रहमह फरमाते है:-*
_धोबी के यहाँ खाना खाने में कुछ हर्ज नहीं, यह जो जाहिलों में मशहूर है कि धोबी के यहाँ का खाना नापाक है, महज़ बातिल (झूठ) है_
📚 *अलमलफूज़ ,हिस्सा अव्वल,सफ़हा 13*
📚 *गलत फ़हमियाँ और उनकी इस्लाह सफहा,169 170*
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