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*_▶ तज़किरए इमाम अहमद रज़ा 💡_*
_*⤵ सिर्फ एक माह में हिफ़्ज़े क़ुरआन*_
हज़रत अय्यूब अली साहब अलैहिर्रहमा का बयान है के एक रोज़ आला हज़रत अलैहिर्रहमा ने इरशाद फ़रमाया के बाज़ न वाक़िफ़ हज़रात मेरे नाम के आगे हाफ़िज़ लिख दिया करते है, हालांके मै इस लक़ब का अहल नही हूँ।
दूसरे ही दिन से आपने क़ुरआन मजीद हिफ़्ज़ करना शुरू कर दिया और हर रोज़ एक पारह हिफ़्ज़ करके तरावीह की नमाज़ मे आप सुना देते यहाँ तक के रमज़ान की 27वी शब को मगरिब से पहले कुरान मजीद पूरा हिफ़्ज़ कर लिया और सिर्फ एक महीने की मुख्तसर सी मुद्दत में आप हाफिज हो गये।
फिर फ़रमाया के मै ने कलामे पाक बित्तरतिब ब कोशिश याद कर लिया और ये इस लिये के उन बन्दगाने खुदा का (जो मेरे नाम के आगे हाफ़िज़ लिख दिया करते है) कहना गलत साबित न हो।
*📚हयाते आला हज़रत, 1/208*
*📚सवानहे आलाहज़रत*
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*_▶ तज़किरए इमाम अहमद रज़ा 💡_*
_*⤵ सिर्फ एक माह में हिफ़्ज़े क़ुरआन*_
हज़रत अय्यूब अली साहब अलैहिर्रहमा का बयान है के एक रोज़ आला हज़रत अलैहिर्रहमा ने इरशाद फ़रमाया के बाज़ न वाक़िफ़ हज़रात मेरे नाम के आगे हाफ़िज़ लिख दिया करते है, हालांके मै इस लक़ब का अहल नही हूँ।
दूसरे ही दिन से आपने क़ुरआन मजीद हिफ़्ज़ करना शुरू कर दिया और हर रोज़ एक पारह हिफ़्ज़ करके तरावीह की नमाज़ मे आप सुना देते यहाँ तक के रमज़ान की 27वी शब को मगरिब से पहले कुरान मजीद पूरा हिफ़्ज़ कर लिया और सिर्फ एक महीने की मुख्तसर सी मुद्दत में आप हाफिज हो गये।
फिर फ़रमाया के मै ने कलामे पाक बित्तरतिब ब कोशिश याद कर लिया और ये इस लिये के उन बन्दगाने खुदा का (जो मेरे नाम के आगे हाफ़िज़ लिख दिया करते है) कहना गलत साबित न हो।
*📚हयाते आला हज़रत, 1/208*
*📚सवानहे आलाहज़रत*
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